Being spiritually non-violent! | Sakar Murli Churnings 14-01-2020

Being spiritually non-violent! | Sakar Murli Churnings 14-01-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. इस कल्याणकारी-पुरूषोत्तम-संगमयुग पर… स्वयं निराकार-रूहानी-सर्वशक्तिमान् सुप्रिम-श्री श्री-ऊँच ते ऊँच परमात्मा-भगवान शिव बाप-टीचर-सतगुरू… दिव्य-अलौकिक जन्म ले, ब्रह्मा-तन द्वारा… हम मीठे-सिकिलधे बचो-अवतरीत आत्माओं-शिव शक्तियों को adopt-रिफ्रेश कर… पढ़ाते-सिखाते, श्रीमत देते

2. हम उनकी याद-योग द्वारा विकर्म-विनाश (मायाजीत बन), पावन-सतोप्रधान अतीन्द्रिय-सुख सम्पन्न बन… नई दुनिया-वर्से स्वर्ग-सतयुग-अमरलोक-सुखधाम के मालिक, सर्वगुण-सम्पन्न 16 कला सम्पूर्ण देवता श्री-लक्ष्मी-नारायण बनते (हेल्थ-वेल्थ-हैप्पीनेस-पीस prosperity सम्पन्न)

3. अंधों की लाठी बन सबका कल्याण करना है… पावन बन-बनाना ही सच्ची-रूहानी सेवा है, धन है तो हॉस्पिटल-cum-यूनिवर्सिटी अवश्य खोलनी है

चिन्तन

जबकि हम रूहानी डबल-अहिंसक आत्माएं है… तो पहले योगबल से भरपूर हो, माया के वार से परे रह… बहुत शीतल-हल्कि-शान्त अतीन्द्रिय सुख-आनंद सम्पन्न स्थिति का अनुभव कर…. सबको भी शुभ भावना-सकाश द्वारा सम्पन्न करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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