Being a spiritual nurse! | Sakar Murli Churnings 15-01-2020

Being a spiritual nurse! | Sakar Murli Churnings 15-01-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. कल्प-कल्प संगम पर, ब्रह्मा-तन द्वारा… गुप्त पण्डा-शर्राफ-कलंगीधर परलौकिक-परमात्मा शिवबाबा… हम मीठे-लाड़ले-रूहानी ब्राह्मण-बच्चे-आत्माओं को… ज्ञान-पढ़ाई समझाकर-सिखाकर रिफ्रेश करते

2. हम ट्रस्टी बन याद-मन्मनाभव का पुरुषार्थ-अभ्यास करते (पॉइंट्स नोट-धारण कर, अपने से बातें-स्वदर्शन कर)… विकर्म-विनाश पावन-खुशी-नशे सम्पन्न बन सच्ची कमाई करते… अपने मीठे-भाईयों की रूहानी-सेवा कर सिखाना-समझाना-राह दिखाकर कल्याण-रिफ्रेश करना है (निमित्त-भाव से सेंटर खोलना भी अच्छा)

3. (वाया मुलवतन-घर-शान्तिधाम) जिससे नई दुनिया-सद्गति-वर्से स्वर्ग-सतयुग-सुखधाम-राम राज्य के मालिक… हीरे-समान पुण्य-आत्मा देवता बनते… हेल्थ (लम्बी-आयु), वेल्थ (सुख) सम्पन्न… हम इस झाड़ को जानते

चिन्तन

जबकि बाबा ने हमें सबकी सेवा-अर्थ रूहानी-नर्स बनाया है… तो सदा पहले अपने को ज्ञान-योग द्वारा माया के रोगों से मुक्त (सदा-खुश) रख… सबको अपने श्रेष्ठ अनुभवों-वाइब्रेशन द्वारा बाबा से जुड़ाकर सम्पूर्ण-स्वस्थ (शान्ति-प्रेम-आनंद से सम्पन्न) करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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