The power of newness! | Avyakt Murli Churnings 26-01-2020

The power of newness! | Avyakt Murli Churnings 26-01-2020

1. हम नई-दुनिया की नई-रचना (अधिकारी-प्यारे बच्चों) लिए सब नया है (युग-जीवन, संकल्प-स्वभाव-संस्कार-सम्बन्ध, धर्म-कर्म)… अंश-मात्र भी पुराने संकल्प-स्वभाव-संस्कार न हो (तब ही सर्व-प्राप्तियों का अतीन्द्रिय-सुख, फरिश्ते-समान डबल-लाइट जीवन अनुभव करेंगे)… इसलिए सिर्फ इतना ही चेक करना, हर संकल्प-बोल-कर्म नया है? (मर्यादा-पूर्वक), तो स्वास्तिका-समान:

  • श्रेष्ठ स्व-स्थिति रहेंगी
  • (गणेश-समान) नॉलेजफुल ज्ञान-स्वरूप बन हर संकल्प-कर्म करने से सदा सफल रहेंगे

जबकि हम हैं ही दाता-विधाता-वरदाता के बच्चे… सिर्फ औरों को नहीं देखना (ब्रह्मा-बाबा को भल देखो), परिस्थिति को देखने के बदले स्वदर्शन-चक्रधारी

2. विश्व-विद्यालय की गोल्डन-जुबली अर्थात्‌ हम सब (ब्रह्मा के ब्राह्मण-ब्रह्माकुमार) की… इसलिए गोल्डन-ऐजड सतोप्रधान संकल्प-संस्कार emerge करने… सम्मान मिलने के साथ समान बनना

3. (पदयात्री से)… उमंग-हिम्मत से किये सेवा का प्रत्यक्षफल-खुशी अनुभव की… अभी सबको रूहानी-अलौकिक-न्यारे यात्री लगे (यात्रा करने-कराने वाले), उड़ती कला में उड़ने-उड़ाने वाले फरिश्ते

4. सुनने के साथ समाकर, बाप-समान शक्तिशाली बनना (हममे और बाप में कोई अन्तर न लगे, सदा सम्पन्न, समय पर शक्तियां काम आए)

सार

सदा स्वदर्शन-चक्रधारी, फॉलो-फादर द्वारा हर ज्ञान के पॉइंट को स्वयं में समाकर… अपने नये जीवन की स्मृति द्वारा सर्व प्राप्तियों के अतीन्द्रिय सुख से सम्पन्न-शक्तिशाली रूहानी यात्री बनते-बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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