Talking in soul-consciousness! | Sakar Murli Churnings 30-01-2020
मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है
सार
हम मीठे-रूहानी बच्चे जानते है, कैसे राजयोग (आत्मा समझ पतित-पावन सर्वशक्तिमान की याद) द्वारा पावन-सतोप्रधान बन नई दुनिया-स्वर्ग का मालिक बनते… तो सदा खुशी-मौज में रहना है (और सबको यह खुराक की खातिरी करनी है)… रूहानी-सेवा करनी है (महावीर बन, सबको आत्मा देखना)
चिन्तन
जबकि आत्मिक-दृष्टि से सम्पर्क में आने से हम भी व्यर्थ-मुक्त रहते, औरों की भी अच्छी सेवा होती… तो सदा ज्ञान-चिन्तन द्वारा स्वयं को आँखों द्वारा देखने वाले, कानों द्वारा सुनने बाली, शरीर द्वारा कर्म करने वालो आत्मा realize कर… औरों को भी इसी दृष्टि से देखते, निराकार-बाबा से सर्व-शक्तियों लेते सर्व को देते, सर्व-प्राप्ति-सम्पन्न बनते-बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
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