Exercising the mind to regain full control! | Baba Milan Murli Churnings 02-02-2020
1. बाबा हमारे ओरीज्नल-प्यारे घर से हमें मिलने आए है (जिसकी हमें-बाबा को खुशी है)… बाबा हमारे 5 प्यारे रूप देख रहे:
- चमकता-प्यारा ज्योति-बिन्दु स्वरूप
- न्यारा-प्यारा देवता रूप
- पूज्यनीय रूप
- महान संगमवासी-ब्राह्मण
- फरिश्ता
इन्हें सामने लाकर-अनुभव करने की, मन की रूहानी एक्सरसाइज-ड्रिल सारा दिन करते रहना (1 घंटे में 5 सेकण्ड, वा 5 मिनट)… तो मन खिंचकर व्यर्थ-अयथार्थ जाकर अलबेला नहीं होंगा, सदा एकरस-शक्तिशाली… यह सहज होना चाहिए, जबकि बार-बार अभ्यास किया है (हर कल्प), 5 मिनट सब निकाल सकते… कार्य-सेवा तो करना ही है, उसमें और नशा भरेंगा, मन्मनाभव सहज
2. इस मन्मनाभव के मंत्र से, मन को मायाजीत का यंत्र बनाना… मन को कहां भी लगा सके (कर्मेन्द्रियों का उदाहरण), आगे चल मन (वा बुद्धि-संस्कार) को सेकण्ड में स्टॉप करने की प्रैक्टिस करनी पड़ेगी… इसमें पास होने से बाबा भी वाह-वाह करेंगे
3. बाबा कहते मेरे बच्चे, हम भी दिल से कहते मेरा बाबा (जिससे बाबा का हज़ार बार शक्तिशाली-सहयोग मिलता, माया के वार से परे रहते)… जबकि बाबा ही हमारा संसार है, तो संस्कार विघ्न-रूप न बने (दृढ़ संकल्प-पुरूषार्थ से समाप्त, करना ही है!)… बाबा लक्ष्य देते, हमे उसे पूरा करना है (डेट-फिक्स कर), संस्कार सम्पर्क में वेरीफाय हो ही जाता
पार्टियों से
- (पहली बार).. मधुबन आने की मुबारक (तू-लेट से पहले)… परिवार की शुभ-आश है, हम लास्ट सो फास्ट सो फर्स्ट(क्लास) में आएं… सिर्फ निश्चय-हिम्मत चाहिए
- (दिल्ली)… पुरुषार्थ में नंबर-वन लेना (सेंटर को निर्विघ्न बनाकर, इनाम लेना)… सर्विस में नई-इन्वेन्शन निकालनी (जैसे आदि से करते आए है)… सदा सन्तुष्ट (नियम-सेवा से)
- (आगरा)… जैसे मशहूर है, वैसे नवीन कार्य-सेवा से आलमाइटी गवर्मेन्ट में मशहूर होना… अमृतवेले खास बैठने से टचिंग होंगी
- (विदेशी)… देश से दूर, दिल के समीप है (कल्चर में ढल गए, आदि से भारत के हैं)… आसपास की सेवा अच्छी कर रहे
- (याद-प्यार)… सभी दुलारे बच्चों का संकल्प-उमंग है बाबा को प्रत्यक्ष करना (हमारा बाबा आ गया)… कोई वंचित न रहे (कम से कम मुक्ति का वर्सा पाए)
सार (चिन्तन)
सदा बाबा की दिल के समीप रह, 5 स्वरूप की सहज-रूहानी एक्सरसाइज सारा दिन करके मन को एकरस-शक्तिशाली-आर्डर में चलाकर… दृढ़ता-दिल से मेरा बाबा की स्मृति द्वारा सदा माया-संस्कार से परे, बाबा को अपना संसार अनुभव करने वाले निर्विघ्न बन… नवीनता से सेवा कर, बाबा को प्रत्यक्ष करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
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Thank you for making it so easy for us
Thank u very much very useful
OK
Nice murli good exercise.Mitha pyara baba.