Pouring jewels of spiritual wisdom! | Sakar Murli Churnings 24-02-2020
मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है
सार
जबकि रत्नागर-बाबा ने हमे अविनाशी ज्ञान-रत्नों के जवाहारातो से सम्पन्न कर दिया है, हम जानते हैं अभी अमरलोक-बगीचे में जाना है श्रेष्ठाचारी-पावन-देवता रूप में (सम्पूर्ण solvent-अमर-सुखी)… तो sensible बन एक रूहानी-पावन-सत्य बाबा की याद में रह, पावन हीरे-तुल्य खुश फूल बन (संग की सम्भाल रखते)… सबको ज्ञान के जवाहारातो से साहूकार बनाते-बरसते, ऊँच पद पाएं
चिन्तन
जबकि ज्ञान-गुण-शक्तियों के सागर बाबा हमें सबकुछ देने लिए तैयार है… तो सदा उनके सर्वश्रेष्ठ संग में रह, भरपूर-सम्पन्न रूहानी-बादल बन… अपने दिव्य-वाइब्रेशन, खुशी-श्रेष्ठता सम्पन्न जीवन-सम्पर्क द्वारा सबको आप-समान सर्वश्रेष्ठ बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
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