Remembering our Most Beloved! | Sakar Murli Churnings 17-04-2020
मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है
सार
जबकि स्वयं निराकार पतित-पावन आनंद-सागर माशुक बाप आए हैं, हमे सतोप्रधान-पुरूषोत्तम-देवता बनाने… तो सदा उनकी याद द्वारा पावन-खुश-दिव्यगुण सम्पन्न बन, ज्ञान-गंगा बन सबका कल्याण करते रहे (बाकी थोड़ा समय है)
मातेश्वरी जी के मधुर महावाक्य
पुरुषार्थ से ही प्रालब्ध मिलती, अभी की अविनाशी-कमाई ही अविनाशी-पद दिलाती, 21 जन्मों लिए… सिर्फ परमात्मा ही श्वासों-श्वास याद कैसे करना, यह सिखाते (जिससे श्रेष्ठ बीज़ डलता)
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