Sakar Murli Churnings 26-01-2019
हम आधा-कल्प से भागवान को याद करते थे, इसलिए अब विश्व की वानप्रस्थ अवस्था में बाबा तमोप्रधान देश में आए हैं… हमारे obedient servant बन हमें सतोप्रधान देवता विश्व का मालिक बनाने, आधा-कल्प के लिए!… इसलिए अभी योग-युक्त (अशरीरी-पन का अभ्यास और बाबा की याद में मग्न) पवित्र बनना है, तो सभी बातों को सहज पार कर लेंगे… अमृतवेले के श्रेष्ठ समय पर श्रेष्ठ स्थिति मेंं स्थित होना है, तो सारा दिन सहज बितेगा!
सार
तो चलिए आज गणतंत्र दिवस पर… बाबा की श्रीमत अनुसार ज्ञान-योग का अभ्यास कर फिर से स्वराज्य अधिकारी (अर्थात स्व का राजा) बन जाएँ… तो इस स्व-परिवर्तन से विश्व परिवर्तन हो जाएगा, और हम फिर से सतयुगी दैवी राजधानी का हिस्सा बन जाएँगे!… ओम् शान्ति!