Becoming truly God-loving & powerful | प्रीत बुद्धि विजयन्ती | Avyakt Murli Churnings 27-01-2018
स्नेही कि अवस्थाएं
- औरों का परिवर्तन वा श्रेष्ठ जीवन को देख स्नेही
- गुणों, सुख-शान्ति के कुछ अनुभव की झलक से स्नेही
- शुध्द आत्माओं के संग से कुछ सहारा के अधार पर स्नेही
- परमात्म स्नेही, सर्वश्रेष्ठ स्नेही
सहयोगी की अवस्थाएं
- भक्ति के संस्कार के आधार से सहयोगी… बातें अच्छी है, जीवन अच्छा है, स्थान अच्छा है, अच्छे स्थान पर अच्छा कार्य करना चाहिए, आदि
- ज्ञान योग से कुछ प्राप्ति के आधार पर सहयोगी
- एक ही बाप है, एक ही प्राप्ति है, बाबा का कार्य सो मेरा कार्य… ऎसे श्रेष्ठ सहयोगी!
शक्तिशाली की अवस्थाएं
- ज्ञान के अधार से शक्तिशाली… जब तक स्मृति में रह… कि मैं शक्ति स्वरूप आत्मा हूँ, सर्वशक्तिमान की सन्तान हूँ
- ज्ञान के चिन्तन, वर्णन वा सेवा के आधार पर शक्तिशाली… जब तक चिन्तन वा वर्णन करे
- सदा मास्टर सर्वशक्तिमान स्वरूप, सर्वशक्तिमान बाबा से combined, श्रीमत का हाथ छत्रछाया के रूप में अनुभव करते… हर संकल्प, बोल, कर्म समर्थ शक्तिशाली… दृढ़ता सम्पन्न, प्रश्नों से पार, सफलता हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है… वह सर्व-प्राप्ति सम्पन्न, अपने भाग्य केे गुणगान करते, सदा रूहानी नशे में रहते… ऎसी आत्माएं ही विजयी बनती
अन्य पॉइन्ट्स
- एक बल एक भरोसा अर्थात बाबा और बाबा की श्रीमत… उसके ही अधार से ज्ञान-स्वरूप, महान योगी, अनुभवी मूर्त, एकाग्र-चित्त, सर्व प्राप्ति सम्पन्न बनते
- मधुबन बाबा का घर, सो अपना घर है… यहां आराम है, बाबा की छत्रछाया है, मीठी प्यारी पालना है
- पंजाब की विशेषता है अमृतवेला और सत्संग… ईस्टर्न है मास्टर ज्ञान सूर्य बन विश्व को प्रकाशित करने वाले, माया के अन्धकार से बचे रहने वाले
प्रीत-बुद्धि की निशानियां
- शरीर का विनाश कभी भी हो सकता… इसलिए इस विनाश काले प्रीत-बुद्धि बनना है
- प्रीत-बुद्धि अर्थात संकल्प भी श्रीमत के विपरीत न हो… हर संकल्प, बोल, कर्म बाबा की श्रीमत पर… बुद्धि के सामने सदा बाबा रहते, एक बाबा दूसरा ना कोई, उनके गुण और शक्तियां का अनुभव होता रहता… ऎसी आत्माएं ही विजयी, सदा सुखी, मायाजीत बनती!… बाबा दिन-रात उनके गुणगान करते, विश्व का राज्य भाग्य दिलाते
- प्रीत-बुद्धि सदा अलौकिक, अव्यक्त वा न्यारे प्यारे होते… उनके नैन-चेहरे में अन्तर्मुखता वा बाबा ही दिखते, हर कदम सेवा होती
- वह बाबा का पूरा साथ लेते और सम्बन्ध निभाते… निभाना अर्थात सदा एक बाबा दूसरा ना कोई, उसकि प्रीत में डूबे हुए!… इसलिए माया (पुराने संस्कार), कमी कमझोरी, निर्बलता, कोमलता आदि सब पर विजयी रहते
सार
तो चलिए आज सारा दिन… हर संकल्प में बाबा और उसकी श्रीमत से प्रीत-बुद्धि बन, सदा सुख के झूले में झूलते रहे… और हर कदम सबका श्रेष्ठ बनाते रहे… सतयुग बनाते रहे, ओम् शान्ति!