कविता – राजयोग से एसी मिली शक्ति
राजयोग से ऐसी मिली शक्ति, जीवन में रहते पाई दुःखों से मुक्ति
दिव्यगुण-सम्पन्न बनके लक्ष्मी-नारायण, लाना फिर से दैवी सुखी संसार
सिखाकर फिर से भारत का प्राचीन योग, बनाया तन-मन को निरोग
कराके मीठी याद की यात्रा, पाई जीवन में सच्ची खुशियों की मौज
सफल हुई हमारी जन्म-जन्म की भक्ति
(राजयोग से ऐसी मिली शक्ति, जीवन में रहते पाई दुःखों से मुक्ति)
योगबल ने दिलाया मन पर स्वराज्य, गुणों से करते सबके दिल पर राज्य
देकर मन्मनाभव का पावन वशीकरण मंत्र, मन पंछी अब हुआ स्वतंत्र
दिल सदा गाता तेरे गुणों की पंक्ति
(राजयोग से ऐसी मिली शक्ति, जीवन में रहते पाई दुःखों से मुक्ति)
प्यार से सिखाकर मीठी तपस्या, समाप्त कर दी सब समस्या
पाई अलौकिक दैवी स्मृति, बनी हमारी अचल-अड़ोल स्थिति
विघ्नों पर रहे सदा विजयी, ऐसा बनाया हमें शिव शक्ति
(राजयोग से ऐसी मिली शक्ति, जीवन में रहते पाई दुःखों से मुक्ति)
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