The Art of Leaving the Body | खुशी-खुशी शरीर कैसे छोड़े | Sakar Murli Churnings 28-01-2019
1. बाबा हमें खुशी-खुशी शरीर छोड़ना सीखा रहे हैं:
- अपने को अविनाशी आत्मा समझना है… हमको कोई डर नहीं!
- बाबा मेरे साथ है… उनकी याद में ही सच्ची खुशी है
- अब शान्तिधाम-सुखधाम चलना है… मेरा pad जरूर ऊंच होगा
- इस पुराने शरीर और पुरानी दुनिया में क्या ममत्व रखे… औरों को भी भ्रूकुटी के बीच चमकती हुई आत्मा भाई के रूप में देखना है
2. हमने आधाकल्प भक्ति की है, और अभी बहुत थोड़ा समय रहा है, इसलिए अब पावन बनना है… सवेरे उठकर बाबा को बहुत प्रेम से याद करना है, विचार सागर मंथन करना है, बाबा आप हमें क्या से क्या बना रहे हो… बहुत मीठा प्यारा बनना है, उल्टे सुलते शब्द (चुगली, रीस, हसद) द्वारा किसी को दुख नहीं देना है
सार
जिसके हर पल श्रेष्ठ है, उनका अंत समय भी स्वतः श्रेष्ठ होता… तो चलिए आज सारा दिन, अपने को अविनाशी आत्मा समझ बाबा की याद में बहुत खुशी में रहे… अपना और सर्व का जीवन श्रेष्ठ सुखमय बनाते रहे, सतयुग बनाते रहे… ओम् शान्ति!