इस शिवरात्रि पर अज्ञान मैं-पन की नींद से जाग, सम्पूर्ण पवित्रता का व्रत पक्का कर, सम्पन्न कर्मातीत लाइट हाउस बन प्राप्ति की किरणें फैलाओ | Baba Milan Murli Churnings 10-03-2021

1. आज शिव बाप अपने सालिग्राम बच्चों के साथ अपनी और बच्चों के अवतरण की वन्डरफुल जयन्ती मनाने आये हैं। आप बच्चों का और बाप का आपस में बहुत-बहुत-बहुत स्नेह है। इसलिए जन्म भी साथ-साथ, रहते भी सारा जन्म कम्बाइण्ड अर्थात् साथ, आक्युपेशन भी एक ही विश्व परिवर्तन करने का और वायदा है परमधाम, स्वीट होम में भी साथ-साथ चलेंगे। न बाप अकेला कुछ कर सकता, न बच्चे। इसलिए इस अलौकिक अवतरण के जन्म दिवस पर पदमापदम बार मुबारक दे रहे। चारों ओर बच्चे खुशी में झूम रहे हैं। वाह! बाबा, वाह! हम सालिग्राम आत्मायें! वाह! वाह! के गीत गा रहे।

2. भगत भी पवित्रता का व्रत लेते लेकिन हर वर्ष लेते एक दिन के लिए। आप सभी ने तो जन्म लेते एक बार सम्पूर्ण पवित्रता का व्रत ले लिया है! चार (क्रोध, आदि) का भी व्रत लिया कि सिर्फ एक का? बच्चों को यह 5 विकार महाभूत से प्यार कम हो गया लेकिन इनके बाल बच्चे छोटे-छोटे अंश मात्र, वंश मात्र, उससे थोड़ा-थोड़ा प्यार है। पवित्रता आप ब्राह्मणों का सबसे बड़े से बड़ा श्रृंगार है, प्रापर्टी है, रॉयल्टी है, पर्सनाल्टी है। दूसरा खाने-पीने का व्रत पक्का है? तीसरा आप अज्ञान नींद से जागने का व्रत लेते। कभी भी अज्ञान अर्थात् कमज़ोरी की, अलबेलेपन की, आलस्य की नींद नहीं आये। आपने जन्म से व्रत ले लिया है इसीलिए आज के दिन पिकनिक करेंगे।

3. बापदादा से सभी बच्चों का दिल से प्यार है 100% से भी ज्यादा। परन्तु प्रतिज्ञा कमज़ोर होने का एक ही कारण-शब्द है – `मैं’। मैंने जो कहा-किया-समझा, वही राइट है। वही होना चाहिए। जब पूरा नहीं होता तो फिर दिलशिकस्त, मैं कर नहीं सकता, चल नहीं सकता, बहुत मुश्किल है। एक बॉडीकॉन्सेसनेस का `मैं’ बदल जाए, `मैं’ स्वमान भी याद दिलाता। `मैं’ दिलशिकस्त भी करता, `मैं’ दिलखुश भी करता। अभिमान अपमान सहन नहीं करायेगा। शिवरात्रि पर यह “मैं” “मैं” की बलि चढ़ा दो, फुल सरेण्डर।

4. सेवा जोर-शोर से करना अर्थात् सम्पूर्ण समाप्ति के समय को समीप लाना। ब्रह्मा बाप सभी बच्चों से पूछते हैं कि गेट खोलने की डेट बताओ। आज मनाना अर्थात् बनना, मैं को समाप्त करेंगे। सम्पन्न बनने का प्लैन बनाओ। धुन लगाओ, कर्मातीत बनना ही है। कुछ भी हो जाए बनना ही है, करना ही है, होना ही है। सब बहुत दु:खी हैं, बापदादा को इतना दु:ख देखा नहीं जाता। सिवाए आपके कोई रहम नहीं कर सकता। अभी रहम के मास्टर सागर बनो, स्वयं पर भी अन्य प्रति भी। अभी अपना यही स्वरूप लाइट हाउस बन भिन्न-भिन्न लाइट्स की किरणें दो। सारे विश्व की अप्राप्त आत्माओं को प्राप्ति की अंचली की किरणें दो। अच्छा।


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  1. I am very thankful I have all ready read my sweetheart baba की murli I like very much thanks बाबा

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