23-11-89: वरदाता को राज़ी करने की सहज विधि | 23rd November 1989: Easy Method of satisfying the Bestower of Blessings | None but One

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(From the official ‘Madhuban Murli’)

Q&As / Essence

Om Shanti

  1. भोलानाथ वरदाता के पास अखुट वरदान हैं जो जितना लेने चाहे खुला ___ है, वरदानी बच्चों को वरदानों की झोली भरकरके देते, जिससे हमें सम्पन्न बनना है।
    ° भण्डार

2. वरदाता को राज़ी करने की सबसे सहज विधि – संकल्प-स्वप्न में भी सर्व सम्बन्ध से एकव्रता, अर्थात् सदा ___ में एक, मेरा तो एक दूसरा न कोई – यह पक्का व्रत हो।
° वृत्ति

3. स्वयं की ___-निराकारी स्थिति हो (बोझ-बातें नहीं जो सुनाये), साथ हैं-रहेंगे-चलेंगे-पार्ट बजायेंगे! (सब साथी, विशेष नहीं), तो जिम्मेवारियां बाप उठाते (सहज पास विद आनर!)
° आकारी

4. एक बल एक भरोसा (एक का भरोसा दूजे का बल नहीं), एकमत (न मनमत न परमत), ___ (न कोई व्यक्ति-वैभव का रस), ऐसे एकता और एकान्त-प्रिय; एक शब्द प्रिय हुआ ना।
° एकरस

5. सिर्फ एक का पाठ पक्का तो हर दिनचर्या के कर्म में ___ से पलते-चलते-उड़ते रहेंगे, हर संकल्प-सेकण्ड कर्म-कदम में वरदाता-वरदान समीप-सम्मुख-साकार-हाजिर अनुभव होंगे।
° वरदानों

6. सेवा में वृद्धि होनी ही है (आत्माओं को सन्देश पहुंचता जाता), चक्रवर्ती बन चक्र लगाने में मजा आता (कितनी ___ जमा कर आये!), एक एक को विशेषता-लगन की मुबारक।
° दुआयें

7. जितना बाप का प्यार ❤️ बांटते और प्यार का भण्डार बढ़ता (सदा प्यार की बरसात! ), एक ___ प्यार दो बार-बार प्यार लो (सबको प्यार-शक्ति चाहिए), अभी उनका उमंग बना रहे।
° कदम

8. हर एक महान् वा ऊंचे ___ चोटी है, शक्तियों को ज्यादा खुशी है (शक्ति रूप में रहना, निर्मोही) पाण्डव विजयी हैं (अब शान्त स्वरूप पाण्डव, नैन-चैन संकल्प-बोल कर्म में भी)।
° ब्राह्मण

9. बापदादा सेवा स्व-उन्नति दोनों देख खुश होते, बिना कहे-मांगे इतना मिला जो मांगने की इच्छा-आवश्यकता नहीं ऐसे ___ हो, और सर्व को सन्तुष्ट कर प्राप्ति स्वरूप बनाने वाले।
° सन्तुष्ट

10. मन पावरफुल ___ से उड़ने वाला ?️ है (सेकेण्ड में जहाँ चाहें पहुंचे),अमृतवेले अपने भाग्य (खज़ाने, ज्ञान, गुण, शक्ति, टाइटल) भिन्न स्मृति रख रमणीक-नवीन-वैरायटी पुरुषार्थ करो।
° पंखों


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