Murli Yog 3.10.24

Murli Yog 3.10.24

वन्डरफुल ब्राइडग्रुम के साथ द्वारा चमकते ✨, दिव्य तकदीर-वान बनकर; निःस्वार्थ, उदारचित्त, परोपकारी बन सबका स्नेह ❤️, सहयोग से कल्याण कर; सर्व की आशीर्वाद प्राप्त करना… Murli Yog 3.10.24… आज माँ ‘दुर्गा’ बन स्वयं के ‘दुर्गुणों’ का नाश करें!

वह ऊंच ते ऊंच रूहानी, निराकार पतित-पावन, परमात्मा शिवबाबा (ब्राइडग्रुम!); हम मीठे आत्म-सालिग्राम-सितारों (ब्राइड्स) को… नये हेवन, घोर रौशनी ☀️, सुखधाम के मालिक देवी-देवता बनाते (पवित्र राजाई डिनायसटी का वर्सा!)

तो पढ़कर होशियार 🧠 बन; श्रीमत पर दिव्यगुण अवश्य धारण करने है (सच्चाई, पवित्रता, शुद्ध खान-पान, तंग-दुःखी नहीं करना, आदि)… मुख्य बात धारण करनी है; याद की रेस, दौड़ी!

हम निश्चयबुद्धि बी.के अपने आत्म-ब्रदर्स का कल्याण करते रहते (बाबा का परिचय देते)… तो ब्राह्मण कुल की वृद्धि होती रहती… हम सब शिवबाबा के बच्चे है!

हम तकदीर-वान आत्माएं 🕯️… सच्ची सेवा द्वारा… सर्व की आशीर्वाद प्राप्त करते रहते!

बाप समान निःस्वार्थ, रहमदिल 💜; उदारचित्त, कल्याणकारी 💫, परोपकारी बन… हम स्नेह, सहयोग द्वारा एकमत हो; संस्कार मिलन के रास की महानता द्वारा… सम्पूर्णता वा समय को समीप लाते!

सोने के समय बुद्धि को क्लीयर, खाली रखने… अच्छा-बुरा सब बाबा के हवाले कर, उन्हें देकर, साथ में सो जाते (निर्संकल्प हो!)… तो और स्वप्नों से भी मुक्त रहते (यह है बाबा के फरमान की ताकत 💪🏻!)

कैसे इस अन्त में पुरूषोत्तम संगम पर, बेहद ज्ञान सागर 🌊 बीज सारे विश्व 🌍 की सद्गति कर विश्व-गुरू बनते… अभी सूक्ष्मवतन में कर्मातीत शरीर द्वारा हमसे मिलते, बोलते… इस बड़े वन्डरफुल 👌🏻 नाटक, अनादि ड्रामा 🎭 के भिन्न-भिन्न एक्ट, फीचर्स हुबहु रिपीट होते हुए भी नये-नये लगते!


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