Becoming full of self respect | सहज स्वमान-धारी कैसे बने | Avyakt Murli Churnings 17-02-2019
1. बाबा ने हमें सर्व खज़ानों का अधिकारी बनाया है, ज्ञान स्वरूप बना दिया है, भविष्य सुख-शान्ति-सम्पत्ति की guarantee दे दी है… तो चेक करना है, कहाँ तक हमने अपने में शक्ति और खुशी धारण की है, कितना लगन में मगन रहते हैं
2. हम श्रेष्ठ पवित्र आत्माएं, सर्व प्राप्ति सम्पन्न है, बेफिक्र बादशाह, दिव्य श्रूंगारों से सम्पन्न है… नौलखा हार से भी श्रेष्ठ है बाबा के गले का हार बनना, बाबा के सिरताज बनने के आगे बह ताज कुछ नहीं, ब्रह्मा भोजन का एक कणा 36 प्रकार के भोजन से भी श्रेष्ठ है… इन्हीं श्रेष्ठ स्वमानों के नशे में रहना है
3. स्वराज्य अधिकारी अर्थात शक्तिशाली, तो रोज चेक करना है, हमारी एक एक कर्मेंद्री (आँख, कान, मुख, आदि) हमारे अनुसार चली, बल्कि हर कर्म करने से पहले सोच-समझ कर करना है
4. आत्म-अभीमानी बनने के अनुभव से स्वतः परमात्म प्राप्तियों का अनुभव होगा… बस, दो बातें आत्मा और परमात्मा के अनुभव की अथॉरिटी बनो, तो spiritual जज बन सबको जन्म-जन्म के दुख छुड़ाने के निमित्त बन जाएंगे
5. गुजरात की विशेषता है, ज्ञान की खुशी का रास करना, लगन में मगन रहने की रास करना… राजस्थान है स्वराज्य अधिकारी राजाओं का स्थान… कर्नाटक ने विस्तार अच्छा किया है, तो अभी मन के विस्तार को समेटकर सार-स्वरूप बनना है (मक्खन जैसे)
सार
तो चलिए आज सारा दिन… सदा भिन्न-भिन्न स्वमानों के अभ्यास द्वारा श्रेष्ठ स्थिति में रहे… औरों को भी सम्मान देते हुए उन्हें श्रेष्ठ स्थिति में लाते, साथ मिलकर सतयुग बनाते चले … ओम् शान्ति!
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