Sakar Murli Churnings 21-02-2019
देह भान से उत्पन होते हैं विकार जो दुःख देते हैं, और आत्म-अभीमानी बनने से स्वतः दिव्यगुण जागृत हो हम सुखदाई बनते… इसलिए आम-अभीमानी बनने लिए:
- अशरीरी-पन का अभ्यास (पार्ट पूरा होते ही शरीर रूपी वस्त्र से न्यारा होना)
- आत्मिक दृष्टि का अभ्यास (आत्मा भाई से बात करे), और
- बाबा को बहुत प्यार से याद करते रहे
यही पुरूषार्थ है विश्व के मालिक बनने का… ऎसे ज्ञानी योगी बच्चों की कशिश होगी, वह सभी को आप समान बनाते रहेंगे
सार
तो चलिए आज सारा दिन… सिर्फ एक आत्म-अभीमानी बनने का पाठ पक्का कर, सभी कमज़ोरी से मुक्त दिव्यगुण सम्पन्न खुशियों से भरपूर बन जाएँ… औरों को भी यह शुध्द vibrations द्वारा खुशी बांटते रहे, खुशियों की दुनिया सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!