Accepting Baba’s Welcome | Sakar Murli Churnings 13-04-2019
1. श्रीमत अनुसार पतित-पावन बाबा को याद करने से आत्मा पावन बनती, और (साथ में चक्र घुमाने से) स्वतः समझदार, सुखी, धनवान, विश्व का मालिक बनते
2. हमारा बहुत ऊंच कुल हैै, जिन्हे इस संगम पर सच्चा सत का संग मिला हैै… तो इस माया की खारी चैनल, 5 विकारों रूपी रावण से बचे रहना है, पवित्र जरूर बनना है…
3. बन्धन-मुक्त बन सर्व का कल्याण करते रहना है, दिव्यगुण धाण करने है, लक्ष्य हो कि मन्सा-वाचा-कर्मणा किसी को दुःख नहीं देना है
सार
तो चलिए आज सारा दिन… जबकि बाबा स्वयं हमारा स्वागत (अर्थात सद्गति) करने आए हैं, तो हम भी उनके ज्ञान-योग को अपने जीवन में ऎसा स्वागत करे… कि सदा श्रेष्ठ स्थिति के अनुभवी दिव्य गुण-सम्पन्न बन, हम सबको आप समान बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!