सार
जबकि भगवान् की श्रीमत पर प्योरिटी-पीस-प्रासपर्टी स्थापन हो रही है (हम दिव्यगुण-सम्पन्न देवता बन रहे)… तो सदा अन्तर्मुखी हो, छोटी बिन्दी आत्मा समझ मामेकम् याद द्वारा भूलों से परे रहे (चलन का चार्ट रख), सबकी निर्माणता से सेवा कर वारिस लक्ष्मी-नारायण अवश्य बनें
Answers from Sakar Murli 27-04-2020
1. _____ भगवान की श्रीमत पर स्थापन हो रही है।
° प्योरिटी, पीस, *प्रासपर्टी*
2. _____ बच्चों को ही बाबा याद करते हैं, पद भी वही पा सकेंगे।
° *सर्विसएबुल*
3. *अतीन्द्रिय सुख* किसमें समाया हुआ है?
° *पवित्रता* के व्रत में
4. _____बच्चे ही अच्छी रीति समझ सकते हैं कि हम आत्मा बिन्दी हैं
° *अन्तर्मुखी*
5. यह तो _____ जीवन है, इनको तो बहुत सम्भाल से रखना है।
° *अमूल्य*
6. अभी कौन सी *गांठ* बांधनी है?
° हमको ऐसा *लक्ष्मी-नारायण* बनना है।
7. _____ में पक्का होना चाहिए कि हम आत्मा हैं।
अपने को आत्मा समझ बाप को याद करना, इसमें बहुत ही _____ का काम है।
° बुद्धि, *बुद्धि*
8. कर्मभोग रूपी परिस्थिति की _____ को भी समाप्त करने वाले सम्पूर्ण नष्टोमोहा भव
° *आकर्षण*
9. बाबा *कैसे उठाते* हैं?
° रिगार्ड वा *पुचकार* दे, महिमा करते (बहुत अच्छे हो, स्थूल सेवा करते, बाबा आल-राउन्ड सर्विस पर भेजेंगे)
10. _____बनना कोई मासी का घर थोड़ेही है।
° *वारिस*
11. *चार्ट* में क्या-क्या *चेक* करना है?
° भोजन देवताओं मिसल खाया?
° बोल-चाल-चलन, खान-पान, वातावरण कायदेसिर रहा?
° बुद्धियोग ठीक रहा? (किसी के नाम-रूप में तो नहीं गया?)
° पाप कर्म हुए?
° हम यज्ञ प्रति ईमानदार है?
12. बातचीत करने में *सुधार* कब होता?
° जब शरीर का भान कम हो