सार
जबकि ज्ञान-सागर बाबा आए हैं सद्गति करने (हमें स्वर्ग का वर्सा-सुख देने लिए)… तो सदा ज्ञान, विज्ञान (अन्तर्मुख हो निराकार-परलौकिक बाबा को मामेकम् याद कर 16 कला सम्पूर्ण बनना) और रूहानी सेवा द्वारा माला में ऊँच पद जरूर जाए (समय थोड़ा है)
Answers from Sakar Murli 29-04-2020
1. बाप से हमको स्वर्ग का _____ मिलता है।
° *वर्सा*
2. माला में आने के लिए _____ चाहिए।
° *याद की यात्रा*
3. *ज्ञान* और *विज्ञान* का क्या अर्थ आज बाबा ने बताया?
° ज्ञान अर्थात् सृष्टि चक्र को जानना
° विज्ञान अर्थात् देही-अभिमानी बन, याद की यात्रा में रहना
4. तुम्हारे में भी _____ संस्कार भरे जाते हैं।
° *राजाई*
5. संगठित रूप में जब एक सेकण्ड में सभी _____ स्थिति में स्थित हो जाएं तब कहेंगे एवररेडी।
° *एकरस*… (एकमत, एकरस स्थिति और एक संकल्प में स्थित)
6. *ओम्* और *हम सो* का यथार्थ अर्थ क्या है?
° ओम् अर्थात्… मैं आत्मा
° हम सो अर्थात्…. हम आत्मा सो पहले-पहले सतोप्रधान थे, फिर सतो रजो तमो में आते (हम सो देवता क्षत्रिय….)
7. पुरूषार्थ में थकावट आना – यह भी _____ की निशानी है।
° *आलस्य*
8. बाप ही आकर सबको _____ देते हैं। बाप का फरमान है _____ याद करो। _____ हो मुझे याद करो।
° सुख, *मामेकम्, अन्तर्मुख*
9. जितना टाइम इस _____ सर्विस में दे, उतना अच्छा।
° *रूहानी*
10. वैसे हमें कोई फिक्र नहीं है, परन्तु एक बात की फिक्र अवश्य होनी चाहिए.. कौन सी?
° *बाबा को याद* करने की!
11. ज्ञान का सागर एक है, वह बाप जब तक न आये तब तक किसकी _____ होती नहीं।
° *सद्गति*
12. अब तुमको ज्ञान मिला है, तो _____ बंद हो जाता है।
° *भटकना*