Applying ourself the Raj Tilak! | Sakar Murli Churnings 29-01-2020

Applying ourself the Raj Tilak! | Sakar Murli Churnings 29-01-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

जबकि हम सतयुगी-बादशाही के प्रिंस बन रहे (स्वयं दिलवाला-शान्ति सागर-रूहानी बाप हमें पढ़ाते)… तो स्वयं को राज-तिलक देने, याद में समर्पित-कुर्बान हो, पावन धारणा-मूर्त बन (साथ में अपना तन-मन-धन विश्व-वकल्याण में सफल कर)… इस अन्तिम-काल में कर्मातीत-पास विद् आनर होकर दिखाए

चिन्तन

जबकि हमे स्वयं को आपेही राज-तिलक देना है… तो सदा स्मृति के तिलकधारी बन, बाबा के दिल-तख्तनशीन याद में रह सर्व-प्राप्ति-सम्पन्न बन… स्वतः सारे विश्व-कल्याण के ताजधारी बनते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


Recent Sakar Murli Churnings:

Thanks for reading this article on ‘Applying ourself the Raj Tilak! | Sakar Murli Churnings 29-01-2020’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *