The beauty of Trustee-ship! | Sakar Murli Churnings 09-05-2019
1. बाबा ऎसा wonderful बाप टीचर सतगुरू है, जो उनके ऊपर कोई नहीं… इसी बात को स्मृति में रख बाबा को याद करना है (आत्म अभिमानी बन, भाई-भाई की दृष्टि पक्की करके), तो पावन राज्य के मालिक बन जाएँगे… बाप को याद करने से विकर्म विनाश होते, टीचर को याद करने से सारी नॉलेज बुद्धि में आ जाती, और गुरू योग सिखाते
2. हम अभी कलियुग से निकल आए हैं, हम न असुर है न देवता है, हम सर्वश्रेष्ठ ब्राह्मण है स्वयं भगवान् हमें पढ़ाते, यह ड्रामा बड़ा wonderful है… खुद चैतन्य बीज आकर हमें सारे झाड़ का राज समझाते, कैसे यह वेरायटी का खेल है, हम आत्मा शरीर धारण कर पार्ट बजाती, बाबा अब हमारी सद्गति करते… माया रावण को हमसे ईर्षा है, इसलिए वह विघ्न जरूर डालेगी, हमें बाबा को याद कर उन्नति को पाते रहना है, हमारे लिए सहज है
3. सबकुछ बाबा का दिया हुआ है, इसलिए सदा उनकी श्रीमत पर चलने वाले सच्चा ट्रस्टी बनना है, ममत्व नहीँ… मुख्य बात अपने को आत्मा समझ बाबा को देखते रहना है (अर्थात याद करना है) तब ही उनकी करेन्ट कैच कर पावन बन बाबा के साथ जा सकते, पहले शान्तिधाम फिर सुखधाम… औरों को भी बाबा का परिचय देना है, जो आने वाले होंगे वह आ जाएँगे
सार
तो चलिए आज सारा दिन… जबकि बाबा आ गया है, तो सबकुछ उसे सौप हर पल उनकी यादों-प्यार में डूबे रहे, सदा सर्व प्राप्ति सम्पन्न भरपूर-तृप्त बन, सबको रूहानी स्नेह-खुशियां बांटते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
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