Becoming a Hero Actor | Sakar Murli Churnings 08-05-2019
1. ओम् शान्ति अर्थात अपने को आत्मा समझ शान्ति के स्वधर्म में रहना… स्वयं निराकार पतित-पावन बाप हमें बेहद सुख की पढ़ाई पढ़ाते, हीरे जैसा देवता सूर्यवंशी लक्ष्मी-नारायण बनाने… अभी हम संगमयुगी ब्रह्मा मुख वंशावली सर्वोत्तम ब्राह्मण कुल भूषण है, देवताओं से भी ऊंच, पुराना-पन समाप्त हो गया है
2. बाबा आकर मूत पलीती कपड़ धोते, अर्थात हम ब्राह्मण बच्चों को पावन बनाकर श्रेष्ठ सद्गति का वर्सा देते… जहां पवित्रता-सुख-शान्ति सम्पन्न एक ही आदि सनातन देवी-देवता धर्म होंगा, कोई वज़ीर-गुरू की भी जरूरत नहीं
सार
तो चलिए आज सारा दिन… जबकि बाबा ने हमें इस विश्व नाटक का सम्पूर्ण ज्ञान दे दिया है, मुख्य बात कि हम हीरो एक्टर है… तो हर पल, श्रेष्ट स्मृतियों में रहते श्रेष्ठ पार्ट बजाते रहे, सदा शान्ति प्रेम आनंद का अनुभव करते और कराते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
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