Becoming a Maharathi! | Sakar Murli Churnings 01-10-2019

Becoming a Maharathi! | Sakar Murli Churnings 01-10-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. इस संगम पर भाग्यशाली-रथ (लोंग-बुत) द्बारा स्वयं बेहद-सुप्रीम-स्प्रीचुअल पतित-पावन बाप-टीचर-सतगुरु हमें अलौकिक-राजयोग की पढ़ाई पढ़ाते, हम उन्हें याद करते (अपने को आत्मा समझ… आत्मा ही पढ़ती, संस्कार बनाती) … जिससे 21 जन्मों के लिए सुख-जीवनमुक्ति का वर्सा मिल जाता (वाया स्वीट-silence होम), हमें सम्पूर्ण निश्चय है… बीज़-रूप ज्ञान-सागर बाबा नें हमें सबकुछ समझा दिया है

2. जो बाबा के ज्ञान को सम्पूर्ण रीति धारण करते, उन्हें ही महारथी कहते… फिर अनेकों को अच्छे से सुनाकर, विश्व-कल्याणकारी भी बनना है

चिन्तन

तो चलिए आज सारा दिन… सच्चा महारथी बनने, ज्ञान को चिन्तन द्बारा सम्पूर्ण रीति धारण कर श्रेष्ठ योगयुक्त जीवन बनाए… धारणा-मूर्त, ईश्वरी दिनचर्या का प्रूफ दे… सदा शान्ति-प्रेम-आनंद से सम्पन्न बनते-बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


Recent Sakar Murli Churnings:

Thanks for reading this article on ‘Becoming a Maharathi! | Sakar Murli Churnings 01-10-2019’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *