Becoming alert & attractive! | (36th) Avyakt Murli Revision 17-11-69

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1. भट्टी में आए ही है देह में रहते विदेही बनने, इसका ही अभ्यास-attention रखना है… तो पुरानी स्मृतियों की उल्टी-सीधी जल्दी उतर जाएंगे, लास्ट सीधी है देह-भान की… पुराने संस्कार ही टाइट करते, उनसे न्यारा होना है… जिससे ऊपर चढने की लिफ्ट में बैठ जाते

2. लिफ्ट मे बैठने के लिए गिफ्ट देनी है (पुराने-पन की) और गिफ्ट बनना है (श्रेष्ठ बच्चा), तो बाबा शोकेस में आगे रखेंगे (गुणों से श्रृंगार कर)… अलर्ट और attractive बनना है, तो activity भी ऎसी परिवर्तन हो जाएंगी

3. अलर्ट अर्थात:

  • एवर-रेडी… कोई भी सेवा हो, तुरन्त करके सफलता पाने वाले… परख कर
  • अपने पुरूषार्थ-संस्कार-कमझोरी में भी हल्के-ईजी… जिससे सबकुछ ईजी ही जाता

4. attractive अर्थात:

  • विशेषता-सम्पन्न
  • हर्षित (जो आकर्षित करता) अर्थात… ज्ञान-सिमरण वा अव्यक्त-स्थिति द्वारा सदा अतिन्द्रीय-सुख में झूमने वाले

5. माया-प्रकृति-संकल्प-संस्कार के अधीन होने के बजाय अपनी पवित्रता-सुख-शान्ति के अधिकारी बनना है… जब छोटी बातों से प्रभावित नहीं होंगे, तब प्रभाव निकलेगा

सार

तो चलिए आज सारा दिन… पुरानी बातें छोड़, सदा देह में रहते विदेही बनकर… विशेषता-सम्पन्न गुणवान बन, सदा हर्षित-हल्के रह अधिकारी बन सबकी सेवा करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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