Becoming beautiful! | Sakar Murli Churnings 16-08-2019

Becoming beautiful! | Sakar Murli Churnings 16-08-2019

सार

1. हम स्वीट होम से नीचे आए थे, बहुत सुख भोग अब दुःखी हुए है… अब हमारा मीठा-मीठा बाप-टीचर-सतगुरू मिला है, जो सारा ज्ञान सुनाए, साथ ले जाते, फिर स्वर्ग-सुखधाम भेज देते (जहां निरोगी, बड़ी आयु, नैचुरल ब्यूटी, सुन्दर, सम्पूर्ण सुखी रहते)… फिर तो ड्रामा का चक्र फिरता रहेगा

2. तो हमे भी घर-गृहस्थ में रहते, सबकुछ बुद्धि से भूल, अपने को आत्मा समझ पतित-पावन बाबा को याद करना है (तो विकर्म-विनाश हो पावन बन जाएँगे, भल माया के तूफान आए)… स्वदर्शन-चक्रधारी बन, खुशबूदार फूल बनना है (निर्माण)… सबकी सेवा करनी है (बैज से भी बाबा का परिचय दे सकते)

चिन्तन

जबकि सबसे सुन्दर मुसाफिर बाबा आया है हमें भी आप समान सुन्दर-गोरा बनाने… तो सदा उसके सर्वश्रेष्ठ ज्ञान को अपनी बुद्धि में समाते, हर रोज योग में नित-नए अनुभवों से भरपूर, सर्व प्राप्ति सम्पन्न बनते… अपने जीवन को दिव्यगुणों से श्रृंगारकर, सबका कल्याण करतेे, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


Recent Sakar Murli Churnings:

Thanks for reading this article on ‘Becoming beautiful! | Sakar Murli Churnings 16-08-2019’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *