Becoming a complete Brahmin! | Sakar Murli Churnings 28-11-2019
मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है
सार
1. इस संगम पर स्वयं बाप-टीचर-सतगुरु-लिबरेटर-guide शिवबाबा हमें पढ़ाने-सद्गति करने की सेवा करते… हमारे बुद्धि में रचता-रचना का सारा ज्ञान है (विराट रूप, ब्रह्मा सो विष्णु, आदि)… हम सम्पूर्ण ब्राह्मण-कर्मातीत बन रहे, फिर नई-सतोप्रधान दुनिया में पहुँच जाएंगे
2. सारा दिन बुद्धि में ज्ञान घूमता रहे (ज्ञान-भक्ति का अन्तर, आदि)… हम छोटे-सितारे आत्माएं, अकाल-तख्त पर विराजमान हो अनादि पार्ट बजा रहे… अब याद द्वारा सतोप्रधान-श्रेष्ठ-देवता बन रहे (श्री श्री की श्रीमत से श्रेष्ठ), अभी ब्राह्मण है… सब को बाबा का परिचय देना है (अन्त में सब स्वीकार करेंगे)
चिन्तन
जबकि स्वयं भगवान् नें हमे adopt कर अपना श्रेष्ठ-पवित्र ब्राह्मण बच्चा बनाया है… तो सदा इस सर्वश्रेष्ठ ब्राह्मण कल्चर को दिल से अपनाते, श्रीमत अनुसार श्रेष्ठ-ईश्वरीय दिनचर्या को अपनाकर… सदा ज्ञान-चिन्तन वा बाबा-साथ द्वारा दिव्य-अलौकिक शान्ति-प्रेम-खुशी सम्पन्न स्थिति का अनुभव करते-कराते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
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