Becoming divine! | Sakar Murli Churnings 27-02-2020

Becoming divine! | Sakar Murli Churnings 27-02-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

ज्ञान-सागर बाबा ने हमे सारा ज्ञान दे दिया है (कैसे अब हम कलियुगी से सतयुगी-पावन-पूज्य-देवता बन रहे)… तो फिर से ऐसे दैवी-श्रेष्ठ धर्म-कर्म वाले बनने, जरा भी देह प्रति बुद्धि न जाए (कुदृष्टि-ख़यालात-हंसी-वचन से परे), ऐसा पक्का आत्म-अभिमानी बनना है (एक-निराकार-रूहानी पवित्र-शान्ति सागर की याद द्वारा, सदा बाबा-बाबा ही करते)… ऐसे पावन-सतोप्रधान धारणा-मूर्त होकर, सब को मुक्ति-जीवनमुक्ति का रास्ता दिखाते रहे (लेबर-फोरेनर्स को भी)

चिन्तन

जबकि हमारी ऐम-ओबजेक्ट सदा हमारे सामने है… तो आज योग के पहले इस चित्र को देख, फिर बहुत खुशी-दृढ़ता से आत्मिक-स्वरूप में एकाग्र हो, सर्व गुण-शक्तियों के सागर बाबा की शीतल लहरों में लहराते… सर्व प्राप्ति सम्पन्न बनते-बनाते, सारा दिन स्वयं-सर्व का सर्वश्रेष्ठ भाग्य बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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