बेगर टू प्रिन्स बनने का सहज अर्थ | Becoming a divine Prince! | Sakar Murli Churnings 06-05-2019
1. आत्मा ही सुनती वा सब जगह जाती, इसलिए आत्मा-अभिमानी जरूर बनना है… फिर सिर्फ़ एक बाबा को याद करने से पावन, विश्व का मालिक, प्रिन्स बन जाएँगे
2. यह समझना सहज है, सिर्फ सतोप्रधान बनने में टाईम लगता, इसलिए याद को बहुत सहज बनाने, बुद्धि से सबकुछ बाबा को सौप पूरा ट्रस्टी बनना है
3. बेगर माना अशरीरी (शरीर से ममत्व नहीँ, जीते जी मरे हुए), सबकुछ बाबा का है कुछ हमारा नहीं, याद करना तो दूर की बात है… तो ऎसे बेगर बनने से बाबा की पूरी करंट खींच सकते, जिससे पावन-सतोप्रधान-दिव्य अर्थात प्रिन्स बनते, बाबा हमें मालामाल बना देते
4. बहुत खुशी वा अतिन्द्रीय सूख में रहना है, स्वयं ज्ञान सागर बाप हमें पढ़ाकर राजाओं का राजा बनाते… भल बाबा नीचे आएं है, उन्हें ऊपर ही याद करना है
सार
तो चलिए आज सारा दिन… देह-दुनिया, जिम्मेवारी सबकुछ बाबा को सौप बिल्कुल डबल लाइट फरिश्ता बन जाएँ… फिर बाबा को याद करने से बहुत ही सहज गुण-शक्तियों से भरपूर-सम्पन्न बनते… सबको बांटते, सतयुग बनाते रहते… ओम् शान्ति!