Becoming free from sorrow! | Sakar Murli Churnings 01-07-2019
मनुष्य पाप-आत्मा होने कारण रावण कि जेल वा गर्भ-जेल में दुःखी होते हैं, देह-अभिमान है मुख्य… इसलिए बाप आए हैं हमें सत्य ज्ञान देकर देही-अभिमानी civilised-निर्विकारी लक्ष्मी-नारायण समान बनाने… सम्पूर्ण (देह-भान मुक्त) बनने में समय लगता, इसलिए अच्छे से पढ़ते, बाबा की याद करते, सेवा में लगे रहना है, श्रेष्ठ धारणा-मूर्त बन (उल्टी sulti बातें सुनना, दुःख देना आदि छोड़ते).. जब तक शरीर में है
चिन्तन
तो चलिए आज सारा दिन… जबकि बाबा हमें दुःख के अंश-मात्र से भी मुक्त करना चाहते, तो सदा बाबा की प्यार भरी यादों में मग्न रह, सभी बाह्य प्रभावों से परे… सदा खुश रह, सबको खुशी बांटते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
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