Becoming free from waste! | व्यर्थ समाप्त करने की सहज विधि | Avyakt Murli Churnings 23-06-2019

Becoming free from waste! | व्यर्थ समाप्त करने की सहज विधि | Avyakt Murli Churnings 23-06-2019

कल्याणकारी समय!

इसी समय आत्माओं और परमात्मा का मिलन होता, इसलिए यह युग है:

  • महान युग
  • महा मिलन का युग
  • सर्व प्राप्ति का युग
  • असंभव को सम्भव करने का युग
  • श्रेष्ठ अनुभुती का युग
  • विशेष परिवर्तन का युग
  • विश्व कल्याण का युग
  • सहज वरदानों का युग

यह भाग्य सिर्फ हम थोड़ी श्रेष्ठ आत्माओं को मिलता… इसी स्मृति में रह समर्थ अर्थात व्यर्थ से मुक्त बनना है

समर्थ और व्यर्थ का अन्तर!

  • समर्थ संकल्प बाबा से मिलन कराता, मायाजीत बनाता, आत्मिक एनर्जी बढ़ाता, सफलता-मूर्त सेवाधारी बनाता…
  • व्यर्थ नीचे लाता, प्लान-प्रैक्टिकल में महान अन्तर लाता, उमंग-उत्साह कम कर, दिलशिकस्त करता…
  • व्यर्थ हलचल में लाता, समर्थ बहार के समान हरा-भरा बनाता… समर्थ शान में स्थित होता, व्यर्थ परेशान करता 

समर्थ बनने की सहज बिधि!

मुरली का एक-एक महावाकय समर्थ खज़ाना है, इसके चिन्तन से स्वयं को भरपूर-busy रखने से, माया के आने की मार्जिन नहीं… इसलिए मुरली को:

  • सुनना (खुशी से)
  • समाना (चिन्तन से)
  • स्वरूप में लाना (शक्तिशाली बनना, एक second में व्यर्थ को परिवर्तन और शक्तिशाली किरणों द्बारा सब को शक्तिशाली बनाना) 

ग्रुप से मुलाकात!

1. महाराष्ट्र अर्थात हर संकल्प स्वरूप सेवाकर्ममहान, जो किया वह हुआ… पंजाब वाले माया को ललकार कर अपना स्वराज्य स्थापन करने वाले… कर्नाटक वाले भावना का महान फल खाने वाले

2. महान सेवाधारी अर्थात हर संकल्प-सेकण्ड-बोल में हर जगह सेवा समाई हुई हो, इसे कहते स्वतः सेवाधारी… हमारा लिए सदा प्रोग्राम है, हम सदा स्टेज पर है… श्रीमत पर दृृढ़ संकल्प करने से हम सबके लिए example बन गए

3. हम निर्भय है, क्योंकि:

  • बाबा की याद की छत्रछाया के किले में, हम सदा सेफ है 
  • हम निर्वैर है, किसी के लिए वैर नहीं, सब के लिए शुभ भावना, शुभ कामना
  • मेरा बाबा की लगन से, सभी विघ्न पर विजयी, निर्विघ्न है 

4. हम हलचल में भी अचल, विघ्न-विनाशक, खेल समझने वाले, नॉलेजफूल, nothing न्यू का पाठ पक्का करने वाले ईंट है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… इस अमूल्य समय पर, सदा मुरली को चिन्तन से स्वयं में समाकर शक्तिशाली निर्विघ्न बन, सदा मेरे बाबा की लगन-छत्रछाया में सेफ रह… हर संकल्प-सेकण्ड स्वतः सेवाधारी महादानी-वरदानी बन, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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