Becoming full of treasures! | Sakar Murli Churnings 20-12-2019
मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है
सार
1. हम परमधाम-निवासी शान्त-स्वरूप आत्माएं है (शरीर द्वारा पार्ट बजाती)… ऐसे ही पुराने-तन में स्वयं निराकार-चैतन्य पतित-पावन बाप आकर (सर्व खज़ाने-वर्सा लेकर)… हमें रूहानी-पढ़ाई इश्वरीय-मत मन्मनाभव-मंत्र देकर, नई दुनिया-स्वर्ग-बहिश्त के मालिक लक्ष्मी-नारायण बनते (सम्पूर्ण सुखी-धनवान-लम्बी आयु)
2. तो अच्छे से पुरूषार्थ करना है, माया-लोभ-पाप से परे रह (भूल हो, तो भी बाबा को सच बताकर हल्का रहना)… याद में रह खुशी-दिव्यगुण सम्पन्न बन, सब को समझाते आप-समान बनाते रहना है
चिन्तन
जबकि बाबा सर्व ख़ज़ाने सहित हमारे लिए आए है, हमें ज्ञान-रत्नों से रोज़ भरपूर करते… तो सदा ज्ञान-चिन्तन से ज्ञान को अपना बनाते, याद द्वारा परमात्म-शक्तियों को स्वयं में समाते… हर पल श्रेष्ठ-दिव्य संस्कार बनाते-बनवाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
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