Becoming a Jewel of Contentment through the Authority of Experience | अनुभव की अथॉरिटी द्वारा सन्तुष्ट-मणि बनें | Baba Milan Murli Churnings 18-03-2019

Becoming a Jewel of Contentment through the Authority of Experience अनुभव की अथॉरिटी द्वारा सन्तुष्ट-मणि बनें | Baba Milan Murli Churnings 18-03-2019

Becoming a Jewel of Contentment through the Authority of Experience | अनुभव की अथॉरिटी द्वारा सन्तुष्ट-मणि बनें | Baba Milan Murli Churnings 18-03-2019 image

1. सर्व प्राप्ति सम्पन्न होने के कारण हम सन्तुष्ट-मणियां हैं,.. और इस महान शक्ति सन्तुष्टता से अनेकानेक प्राप्तियां हैं:

  • और सभी शक्तियों का आह्वान होता
  • चेहरा चमक उठता, हम हर्षितमुख, प्रसन्न-चित्त बनते
  • श्रेष्ठ वाइब्रेशन का वायुमण्डल बनाता… स्वयं, बाप, परिवार सभी के प्रिय बनते
  • परिस्थिति वार कर परेशान नहीं कर सकती, वह मनोरंजन अनुभव होती, सहज पार करते

इसलिए बाबा दाता बन रोज अमृतवेले हमें वरदान देते ‘खुश रहो, आबाद रहो’… तो जैसे हम, बाबा, खजाने, वरदान सब अविनाशी सदा के लिए है, हमें भी कभी-कभी शब्द छोड़ चेक करना है हम कहाँ तक सर्वशक्तियो-गुणों से सम्पन्न, सम्पूर्ण, समान बनें है

2. वरदानों को नोट-वर्णन करने के साथ, उन्हें कार्य में लाकर फलीभूत करना है, तो उसकी और वृद्धि होगी… बाबा इसी लिए हमें वरदान देते

3. गे-गे (करेंगे, देखेंगे, आदि) कि भाषा छोड़ दृढ़ता (जो हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है) की चाबी से सफलता को प्राप्त करना है… कारण शब्द को निवारण में परिवर्तन कर समाधान-स्वरूप बनना है… इस बाबा की आश को पूर्ण कर प्यार का सच्चा-सच्चा सबूत देना है… यही है सच्चा परवाना बन, रूहानी शमा बाप पर कुर्बान-फिदा होना

4. सेवा के उमंग-उत्साह की रिज़ल्ट में हम सभी पास है, इसके साथ अचानक में पास होने के लिए… ज्ञानी योगी धारणा-मूर्त सेवाधारी बनने के साथ चारों सब्जेक्ट में अनुभवी-मूर्त बनना है… तो ज्ञान समझ बनकर हर कर्म में लाइट और माइट, हर कर्म नैचुरल श्रेष्ठ और सफल बन जाएंगा …यह अनुभव की अथॉरिटी सबसे श्रेष्ठ अथॉरिटी वा शक्ति है, जो मायाजीत बनाती

5. तीव्र गति की उड़ती कला के पुरूषार्थ के वाइब्रेशन द्वारा, सहयोग का वायुमण्डल बनाना है… जब हम प्रकृति को भी परिवर्तन करने की चैलेंज देते हैं, तो मनुष्य आत्माओं को तो दुःख-अशान्ति से मुक्त कर ही सकते… हमारा तो बाबा से वायदा है, साथ चलेंगे साथ रहेंगे साथ हैं… बाबा भी इन्तज़ार कर रहा है, तो हमें इन्तज़ाम जरूर करना है

6. लक्ष्य-लक्षण एक करने के लिए हम जो कहते, उसका अनुभव भी करना है… सबसे सहज सिर्फ एक ‘मैं आत्मा हूँ‘ इसके अनुभवी बन जाओ… तीन बिन्दु के स्मृति-स्वरूप बनो

7. कभी अकेला नहीं होना, सदा बाप से combined रह उनकी कम्पनी में रहना है… अमर भव के वरदान द्वारा माया से सदा सेफ रहना है… हम शेर है, उमंग उत्साह से यज्ञ सेवा कर बहुत पुण्य का खाता जमा किया है, जो लम्बा समय काम आएँगा… अपने तीव्र पुरूषार्थ द्वारा बाबा को प्रत्यक्ष जरुर करना है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… बाबा के लव में लवलीन रह सर्व प्राप्तियों से सम्पन्न सन्तुष्ट-मणि बने… स्वराज्य अधिकारी स्थिति द्वारा सदा शान्ति, प्रेम, आनंद से भरपूर हो औरों को भी उत्साह मैं लाते रहे… तो हम बहुत ही जल्द सतयुग स्थापन करने के निमित्त बन जाएंगे… ओम् शान्ति!

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