Becoming Kamdhenu! | (62nd) Avyakt Murli Revision 26-06-70
1. जैसे मूर्ति के पास ईच्छा-पूर्ति के लिए जाते, ऎसा साक्षात्कार-मूर्त कामधेनु बनना है, सदाकाल की कामना पूर्ण करने वाले… इसलिए खुद सर्व-प्राप्ति-स्वरूप इच्छा-मात्रम-अविद्या बनना है, तब ही औरों की ईच्छा पूरी कर सकेंगे, प्राप्ति करा सकेंगे… महा-ज्ञानी के बाद महादानी बनना है
2. जितना खुद योग की सैर करेंगे, उतना सब को भी साक्षात्कार करा सकेंगे… ऎसी स्टेज बनानी है, कि अन्त में अव्यक्त-आकृति लाइट ही लाइट दिखे… और कुछ नहीं
सार
तो चलिए आज सारा दिन… सदा ज्ञान-योग की लाइट से सम्पन्न सर्व-प्राप्ति-स्वरूप इच्छा-मात्रम-अविद्या बन, कामधेनु महादानी बन, सबको सर्व प्राप्ति सम्पन्न बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
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