Becoming Mayajeet through honesty & Baba’s protection! | Sakar Murli Churnings 21-11-2019
मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है
सार
1. हम रूहानी बच्चें उसी रूहानी-Incorporeal बाप-ईश्वर के सामने बैठे हैं… जिससे 5000 वर्ष पहले जुड़ा हुए थे… वह अभी आए हैं पुराने-तन में, फिर से दुनिया को नई बनाने
2. तो उनकी श्रीमत पर चल कल्याण-ऊँच पद जरूर पाना है… मुख्य बात, अच्छे से पढ़कर-पढ़ाना, याद द्वारा पुण्य आत्मा-मुलायम बनना, अपना सच्चा-सच्चा चार्ट रखना… तब ही सच्ची खुशी वा बाबा की रक्षा का अनुभव होगा, बाबा का शो करेंगे… बाकी ड्रामा में सबका पार्ट accurate है, माया भी बड़ी दुस्तर-आकर्षक है
3. “आप और बाप” को कोई जुड़ा नहीं कर सकता… हम कभी अकेले नहीं, बाबा को बुलाते ही सेकण्ड में उसका साथ-सहयोग मेहसूस होता… इसी रूहानी नशे में रहना है
चिन्तन
जबकि सर्वशक्तिमान-बाबा सदा हमारे साथ है, हमें मायाजीत बनाने… तो सदा ज्ञान-योग द्वारा उसकी सूक्ष्म उपस्थिति को मेहसूस कर, बार-बार उससे बातें करते, सच्चे-साफ-ईमानदार रह… हर पल बाबा की रक्षा-छत्रछाया-मर्यादाओं के अन्दर रहते, बहुत तेज़ प्रगति-उन्नती का अनुभव करते… सदा शान्ति-प्रम-आनंद से भरपूर, सर्व प्राप्ति सम्पन्न बनते-बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
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