Becoming a Tower of peace & happiness! | Sakar Murli Churnings 18-12-2019
मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है
सार
1. हमें निश्चय है, इस संगम पर हमारे सम्मुख (ब्रह्मा-तन में) स्वयं गॉड फादर-परमात्मा-शिवबाबा लिबरेटर है, जो हमें ज्ञान दे याद-राजयोग सीखाते… जिससे ही कट उतर, दिव्यगुण-समप्न्न रॉयल (सुख-शान्ति के टाॅवर) बनते, फिर टीचर बन औरों को समझाने से तीर लगता
2. बाबा आए है हमें इस दुःखधाम से सुखधाम (नई-पावन दुनिया स्वर्ग-क्षीरसागर) ले चलने, जहां हम लक्ष्मी-नारायण समान होंगे… बाकी थोड़ा समय है (हम इस सारे खेल को जानते), अब कर्मातीत बनना है
चिन्तन
जबकि हमें सारे विश्व को सुख-शान्ति की अंचली देनी है, तो सदा ड्रामा की ढाल को ऐसे शक्तिशाली-रूप से धारण करे… कि हम सदा पास्ट से परे रह, सेकण्ड में ज्ञान-योग द्वारा शक्तिशाली शान्ति-प्रेम-आनंद की स्थिति का अनुभव करे… फिर तपस्या द्वारा ऐसे पावन-सतोप्रधान बन जाए, हमारे वाइब्रेशन से ही स्वयं-सर्व के विघ्न समाप्त हो, हम सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
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