Becoming a true Benefactor | कल्याणकारी बनने की सहज विधि | Sakar Murli Churnings 12-01-2019
1. त्रिमूर्ति शिवबाबा संगम पर ब्रह्मा मुख द्वारा जो ज्ञान (अर्थात सच्चा गीता ज्ञान) सुनाते… उससे 21 जन्म सद्गति हो जाती है, अर्थात 100% पवित्रता सुख शान्ति का अटल अखण्ड सतयुगी दैवी स्वराज्य स्थापन हो जाता है.. ऎसा कौड़ी तुल्य कलियुगी मनुष्य से हीरे तुल्य सतयुगी देवता बनने का ईश्वरीय निमंत्रण सबको देना है
2. कल्याणकारी बाप के बच्चे हम भी कल्याणकारी है… इसलिए स्व का कल्याण कर (ज्ञान, विचार सागर मंथन और योग से)… अनेकों के कल्याण के निमित्त बनना है (बाबा के मददगार बनकर, हड्डी सेवा द्वारा)
सार
तो चलिए आज सारा दिन… बाबा के सत्य ज्ञान का विचार सागर मंथन कर अपना जीवन हीरे तुल्य बनाते जाए… और अनेको को हीरे तुल्य जीवन बनाने की प्रेरणा देते रहे… जिससे सहज ही सतयुग आ जाएगा… ओम् शान्ति!
अन्य पॉइन्ट्स
- मातेष्वरी जी के मधुर माहवाक्य में… मम्मा ने घर गृहस्थ में रहने वाले पवित्र गोप-गोपियों की बहुत महिमा की… कैसे अतिन्द्रीय सुख के अनुभव में रह, अनेकों के कल्याण के निमित्त बने है!
- आज के वरदान में… कमझोर संकल्प (पता नहीं, आदि) भी एक माया की ज़ाल है… इनसे मुक्त होने के लिए याद रखना है कि निश्चयबुद्धि विजयी, सफलता मेरा जन्म-सिद्ध अधिकार है!
- आज का विशेष पुरूषार्थ… अनेक मेरे-मेरे को एक मेरा बाबा में समा दो, मेरा तो एक शिवबाबा दूसरा ना कोई… तो एकाग्रता बहुत सहज हो जाएंगी (जब चाहे, जहां चाहे और जितनी देर चाहे एकरस फरिश्ता स्वरूप की !)