Being a great donor! | Avyakt Murli Churnings 28-07-2019
1. विधाता बाप आए है देखने कि हम मास्टर विधाता कहां तक ज्ञान, गुण (स्नेह-सहयोग, संग-सम्पर्क), शक्तियों (दृष्टि, बल देना) के विधाता बने हैं… एक बाबा से लेना और सबको हर समय-संकल्प से देना बस… ऎसे सदा सम्पन्न-पालनहार-राजवंशी सदा निःस्वार्थ, रिगार्ड का रिकॉर्ड ठीक रह, सब महान दृष्टि से देखेंगे
2. यही समय की पुकार है, अब हद की (नाम-मन-शान-स्नेह-शक्ति-रिगार्ड की) स्वार्थ-इच्छाओं से परे इच्छा-मात्रम-अविद्या सदा-सन्तुष्ट रहना है, तो इच्छाएँ परछाई समान पीछे आएँगे, जितना देंगे उतना स्वयं में बढ़ता रहेगा, प्रकृति भी देगी… हमारा नाम ही है शान्ति-सम्पत्ति देवा, वा देवता
त्रिवेणी संगम!
महाराष्ट्र अर्थात सदा सम्पन्न, महान दाता… UP अर्थात सदा प्राप्ति-स्वरूप, पतित-पावनी… डबल विदेशी सदा डबल नशे में रहने वाले (याद-सेवा का), स्वप्न में भी बाबा के गीत गाने वाले… सभी अल्लाह के स्थान में पहुँचे हैं
सेवाधारी अर्थात
1. सेवाधारी अर्थात त्याग-तपस्या द्बारा खुद भी उन्नति-शक्तिशाली बनते औरों को भी बनाते, पहले फायदा तो खुद को ही होता… सेवा में बिजी रहने से स्वतः मायाजीत-विजयी रहेंगे… सेवा का मेवा-विटामिन्स से सदा तन्दरूस्त रहेंगे
2. सेवाधारी अर्थात सदा सेवा के निमित्त, बाबा करावनहार है… तो सदा न्यारे-प्यारे, आगे बढ़ते-बढ़ाते, उड़ने वाले… सिर्फ बोलने वाले नहीं, लेकिन करने वाले, विघ्न विनाशक
सार
तो चलिए आज सारा दिन… सदा बाबा से ज्ञान-गुण-शक्तियों के खज़ाने से सम्पन्न बन, सब को फ्राकदिल-निमित्त बन देते रहें… तो सदा भरपूर रहते-करते, सतयुग बनाते रहेंगे… ओम् शान्ति!
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