Being Children of the Master! | Sakar Murli Churnings 25-06-2019
1. हम साहब के बच्चे साहबजादे है, श्रीमत पर याद-सेवा द्बारा (और माया पर विजयी बन) नई सुख-शान्ति सम्पन्न स्वर्ग की राजधानी स्थापन करते, शहजादे बनते… तो सदा खुशी-नशे-फलक में रहना है, मुरली सुनने से रोमांच खड़े हो जाए, कोई भी ईच्छा-मांगना न हो
2. तबीयत अच्छी होती याद और सेवा से, वैभव से नहीं…सारा विश्व परिवर्तन हो स्वर्ग बनना है, तो सबको पैगाम देना है, भिन्न-भिन्न युक्तियों से… सेवा (भाषण, धन, भोजन बनाना, आदि) जरूर करनी है
सार
तो चलिए आज सारा दिन… सदा अपने को बाबा का साहबजादा समझ, उनके सर्व खजाने को स्वयं में समाते, सर्व प्राप्तियों से भरपूर बन… सबको बांटते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
Recent Sakar Murli Churnings:
Thanks for reading this article on ‘Being Children of the Master! | Sakar Murli Churnings 25-06-2019’