Being a fragrant flower! | Sakar Murli Churnings 18-02-2020
मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है
सार
जबकि अमरनाथ-बागवान-बाबा आए है ब्रह्मा-तन में, हमारी तकदीर जगाकर खुशबूदार फूल-देवता-राजा बनाने… तो सदा पढ़ाई पर पूरा ध्यान दे (कोई बहाना नहीं) पारस-बुद्धि बन, आत्मा समझ बाबा की याद द्वारा दिव्यगुण-सम्पन्न बन, सबको कांटों से फूल बनाने वाले माली अवश्य बनें… शरीर छूटने से पहले अपने दिव्य संस्कार-भाग्य जरूर बनाना है
चिन्तन
जबकि दिव्यगुणों की धारणा = ज्ञान + योग… तो दिव्यगुण-सम्पन्न बनने, अपने ज्ञान-योग की दिनचर्या को पक्का-श्रीमत अनुसार बनाते रहे… तो सदा हमारी श्रेष्ठ-खुश स्थिति रहेंगी, दिव्यगुणों की धारणा शक्तिशाली बनते… हम सबका कल्याण करते, सतयुग बनाते रहेंगे… ओम् शान्ति!
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