Being full of spiritual intoxication! | ईश्वरीय नशा | Avyakt Murli Churnings 23-02-2020
मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है
सार
हमारे निश्चय का प्रत्यक्ष-प्रमाण है, हर कदम-कर्म-ज्ञानी योगी जीवन (अर्थात् संकल्प-बोल-कर्म-चेहरे) में रूहानी नशा-खुशी प्रत्यक्ष अनुभव हो… चार प्रकार के नशे:
- अशरीरी-आत्मिक स्वरूप का
- अलौकिक जीवन का
- फरिश्ते-पन का
- भविष्य का
इनमें से एक भी साकार रूप में लाने से (सिर्फ संकल्प तक नहीं) पुराने संस्कार-संसार (सम्बंध-पदार्थ) से परे रहेंगे, सहज परिवर्तन अनुभव करेंगे (कर्म-सम्पर्क) में…हमारे मस्तक-वृत्ति-दृष्टि-मुस्कान-बोल द्वारा सबको आकर्षित-छत्रछाया बनेंगे, ऐसे ब्लिसफुल-सक्सेसफुल… बेफिक्र बादशाही में माया की कोई चाल नहीं चलेंगी
पार्टियों से
1. (टीचर्स)… अपनी शक्तियों द्वारा औरों को शक्तिशाली-बलवान बनाने वाले (यही सच्ची सेवा-हीरो पार्ट है)… सदा सेवा में आगे बढ़ते, कई बातों से किनारा रहेंगे… सभी साधन (सेवा-स्थान, आदि) को विधी-पूर्वक शक्ति भरकर कार्य में लगाकर क्वालिटी बनाने वाले
2. (कुमारों)… धमाल बदले कमाल करने लिए, शक्तिशाली बनने, चाहिए मास्टर सर्वशक्तिमान की स्मृति (तो माया की कोई युक्ति नहीं चलेंगी)… स्व पर अटेन्शन से ही सेवा में शक्ति भरती (इसलिए सदा शक्तिशाली अभ्यास-स्व उन्नति के प्रोग्राम करते रहना)… हम भाग्यवान-निर्बन्धन-उड़ती कला वाले बाबा के प्यारे है (सदा याद-सेवा के बैलैंस द्वारा उड़ती कला, परिस्थिति नीचे-ऊपर न करें)
3. (अधर-कुमारों 1)… हम अपने जीवन के परिवर्तन द्वारा सेवा करने वाले है, इसलिए हर कर्म में परिवर्तन का लक्ष्य (तो स्वयं भी खुश-सन्तुष्ट रहेंगे, सेवा भी होंगी)… अपनी शक्तिशाली-दृष्टि द्वारा सबकी दृष्टि बदलने वाले
4. (अधर-कुमारों 2)… क्या थे और क्या बन गए (तो पुराने संस्कार से परे रहेंगे), और क्या बनने वाले है (तो खुशी से आगे बढ़ते रहेंगे)… ऐसे वर्तमान-भविष्य श्रेष्ठ… सदा अपने बेहद-भाग्यवान-निःस्वार्थ ईश्वरीय परिवार को देख खुुश होते
5. (कुमारियां)… मैं विश्व कल्याणकारी हूँ, इस स्मृति से समर्थ रहेंगे-करेंगे (व्यर्थ से मुक्त)… भाग्यवान है, बाबा के साथ द्वारा स्वयं-सर्व का श्रेष्ठ जीवन बनाने बाली, सदा एक बाबा दूसरा ना कोई
6. न्यारे-प्यारे रहने से बनेंगे सबके प्रिय-प्यारे
सार (चिन्तन)
सदा शक्तिशाली-अभ्यासों द्वारा अपने श्रेष्ठ स्वरूपों के निश्चय-नशे-खुशी-उड़ती कला में रह, सहज परिवर्तन का अनुभव कर शक्तिशाली रह… सबको शक्तिशाली बनाते, अपने जीवन के परिवर्तन द्वारा सबका कल्याण करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
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