Being royal! | Sakar & Avyakt Murli Churnings 18-01-2020

Being royal! | Sakar & Avyakt Murli Churnings 18-01-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

साकार मुरली चिन्तन

1. जबकि स्वर्णिम नई दुनिया-राज्य हमारे सामने है (बापदादा भी हमें रूहानी-लव से ज्ञान-श्रीमत पढ़ाते)… तो सदा अन्तर्मुखी ज्ञान-सिमरण करते, बाबा को प्रीत-बुद्धि बन याद करे…

2. जिससे श्रेष्ठ-पावन-हीरा बनते, सदा खुश-नशे-उल्लास से सम्पन्न, देवताई-रॉयल मीठी-चलन वाले (जैसे कर्म हम करेंगे, हमें देख सब करेंगे… कभी तंग नहीं होना)… सबकी अलौकिक-सेवा करते रहना

अव्यक्त मुरली चिन्तन

1. प्योरिटी (संकल्प-स्वभाव-संस्कार में… ईर्षा-घृणा से परे) ही आधार है… यूनिटी का (स्वभाव-संस्कार मिलना, न मिले तो भी मिलाना, जैसे रास) … जबकि हम महारथी की लिस्ट में गिने जाते

2. ऐसा महाकाली-स्वरूप धारण करना है, कि कमज़ोर-वातावरण को भी परिवर्तन कर सके… फिर हम औरों को भी बिल्कुल स्पष्ट परखने वाले नॉलेजफुल बन जाएंगे

सार (चिन्तन)

तो इस 18 जनवरी को… सदा अपने परम-पवित्र मास्टर-सर्वशक्तिमान विश्व-महाराजन् स्वरूप को emerge कर… बाबा की मीठी-शिक्षाओं को अन्तरमुखी बन चिन्तन द्वारा स्वयं में समाते, उसकी प्रीत-भरी याद में डूबे, पावन-मीठे-हीरा बनते-बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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