Being a spiritual cloud! | Sakar Murli Churnings 21-01-2020
मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है
सार
1. संगम पर हम मीठे-मीठे बच्चे… (ज्ञान-सुख-शान्ति) सागर के बच्चें रूहानी-बादल है (जो सागर से मीठा पानी खिंचते, अर्थात् धारणा करते), और फिर खूब बरसते (सबको धारणा कराते), जिससे महिमा होती (राजा बनते)… मुख्य ज्ञान है आत्मा का (अविनाशी-आत्मा में 84 जन्म-ड्रामा का पार्ट नुन्धा है), और ऊँच-ते-ऊँच परमात्मा-भगवान् शिवबाबा-टीचर-सर्जन का ज्ञान
2. सबकुछ भूल, देही-अभिमानी बन बिन्दु बाप-हसीन मुसाफिर-सलोने शिव-साजन की याद में कुर्बान जाना है… जिससे सतोप्रधान-स्वच्छ-सर्वगुण सम्पन्न बनते (स्वर्ग-वन्दर ऑफ वर्ल्ड-सतयुग में)… हम सारे चक्र को जानते, जिसका सिमरण कर हर्षित रहना है (माया से परे), अपना तन-मन-धन सफल करना
चिन्तन
जबकि हम सर्व गुण-शक्तियों के सागर के बच्चें रूहानी-बादल है… तो सदा शिव-सागर से मीठा ज्ञान-पानी खिंचते, सर्व गुण-शक्तियों के सर्व प्राप्तियों से सम्पन्न धारणा-मूर्त बन… सबको भी अपने दिव्य-वाइब्रेशन मीठे-बोल रॉयल-सुखदाई व्यवहार-चलन द्वारा रिफ्रेश करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
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