Being a true Pandav! | Sakar Murli Churnings 28-12-2019

Being a true Pandav! | Sakar Murli Churnings 28-12-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. इस संगम-ब्रह्मा तन द्वारा… स्वयं बड़ा व्यापारी-सोनार-ज्ञान सागर सतोप्रधान परमात्मा-बाप… हमें प्रितबुद्धि-याद करना पढ़ाकर, दिव्यगुण-पावन बनाकर सच्ची-कमाई कराते… अर्थात् नई देवताओं की दुनिया-धर्म-राज्य की स्थापना करते (ऊँच लक्ष्मी-नारायण का दैवी घराना, सम्पूर्ण धनवान)… हम कितना ऊँच बनते, बाकी समय थोड़ा है (बाबा सदा तो बैठे नहीं रहेंगे)… हम सारे चक्र-ड्रामा को जानते

2. तो रोज़ पढ़ाई की लिंक न टूटे… योगबल के मुख्य अस्त्र-शस्त्र द्वारा माया पर विजयी जरूर बनना है (अभिमान से भी परे)… रूप-बसन्त बन सबकी सेवा करनी है

चिन्तन

जबकि हम बाबा के सच्चे-सच्चे प्रीतबुद्धि-पाण्डव है… तो सदा अपने पाण्डव-पति बाबा की श्रीमत पर, बाबा को बहुत प्यार से याद करते, सारे पुराने-पन के कीचड़े को भस्म कर मायाजीत बन… सदा सुख-शान्ति-प्रेम-आनंद-दिव्यगुण सम्पन्न स्थिति का अनुभव करते-कराते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


Recent Sakar Murli Churnings:

Thanks for reading this article on ‘Being a true Pandav! | Sakar Murli Churnings 28-12-2019’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *