Being Vishnu! | Sakar Murli Churnings 09-08-2019
1. 84 के चक्र में हमारा पार्ट पूरा हुआ… हम लाइट-हाउस है, इसलिए अब शिवबाबा की याद के साथ (कामकाज करतेे भी, अपने को आत्मा समझ, अपने खुदा दोस्त को याद करना… जिससे विकर्म विनाश होते, सतोप्रधान बनते) घर और पूरे चक्र (स्वर्ग-अमरलोक में लक्ष्मी नारायण का राज्य था, एक पवित्र आदि-सनातन देवी-देवता धर्म, हेल्थ-वेल्थ-हैपिनेस सम्पन्न) को भी याद करना है, जिससे खुशी में रहते… औरों को भी समझाते रहना है
2. विष्णु के हाथों में दिखाते:
- चक्र (स्वदर्शन चक्र)
- कमल (अर्थात कमाल-पुष्प समान न्यारा)
- गदा (5 विकारों पर विजयी)
- शंख (सब को ज्ञान सुनाना)
3. माया के युद्ध में विजयी बनने लिए बाबा की शरण (याद) में रहना है… आत्मा भाई-भाई (भ्रूकुटी के बीच) देखने से सिविल आई बनती
चिन्तन
तो चलिए आज सारा दिन… कमल-समान न्यारा-प्यारा बन ज्ञान-स्व दर्शन करते, बाबा की याद द्बारा विकारों पर विजयी बन, सबकी सेवा में बिजी रहे… तो परिस्थिति-लोगों (सागर-साप) के बीच रहते भी, हम विष्णु-समान निर्विकारी सदा-हर्षितमुख देवता बन, सबको बनाते, क्षीरसागर-सतयुग बनाते रहेंगे… ओम् शान्ति!
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