The call of time! | Sakar Murli Churnings 01-08-2019
सार
भक्ति-दुःख का समय पूरा हुआ, अब घर जाना है इसी लिए बाप आए है संगम पर, तो (आत्मा समझ) याद द्बारा पवित्र जरूर बनना है… फिर सुखथाम में भी चले जाएंगे, इसलिए ऎसी खुशी-दिव्यगुण भी धारण करने है देवताओं जैसे (सभी विकार छोड़)… जब तक बाबा है, पूरा पुरुषार्थ करना है, ड्रामा पर पक्का रहकर, बाबा हमें कितनी अच्छी रीति सब समझाते
चिन्तन
जबकि अभी कल्याणकारी संगम का समय चल रहा, बाप साथ है… तो इस अमूल्य अवसर का पूरा लाभ ले, सदा बाबा की श्रीमत-दिनचर्या के हाथ में हाथ रख, हर कार्य के पहले उसे बुलाए, हर एक के संपर्क में आते बाबा को बीच में रख… सदा व्यर्थ से बचे, याद-सेवा की कमाई करते-कराते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
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