Sakar Murli Churnings 28-03-2019

Sakar Murli Churnings 28-03-2019

पतित-पावन बाबा आकर हमें काम-जीत बनाकर कांटे से फूल बनाते, यही फ़र्स्ट क्लास फ़ैमिली प्लानिंग है, फिर सतयुग में बहुत थोड़े रहेंगे… पावन बनने से ही सतयुग में आ सकेंगे, तो गोरा बन सर्व को गोरा बनाना है, यही श्रेष्ठ कर्म है जिससे सर्वगुण सम्पन्न विश्व का मालिक लक्ष्मी नारायण बनते… भाई भाई की दृष्टि पक्की करनी है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… सदा अपनी शुध्द आत्मिक स्थिति में स्थित रह, परमात्म मुहब्बत के झूले में झूलते रहें… तो स्वतः श्रेष्ठ स्थिति रहेंगी, हम श्रेष्ठ सेवा करते रहेंगे, सतयुग बनाते रहेंगे… ओम् शान्ति!

Sakar Murli Churnings 19-03-2019

Sakar Murli Churnings 19-03-2019

हमारा योग सत्य के साथ है, जिससे हमारे अन्दर सारा कीचड़ा समाप्त हो, हम पवित्र दिव्यगुण-सम्पन्न पुरुषोत्तम बन जाते… तो इस पढ़ाई और याद में लग जाना है, इस संगमयुग को कभी नहीं भूलना है, क्योंकि यही समय है सर्व प्राप्तियां करने की

सार

तो चलिए आज सारा दिन… हम संगमयुगी श्रेष्ठ ब्राह्मण आत्मा है, इसी स्मृति-स्वरूप रह सदा प्रभु मिलन मनाते, विशेष हीरो पार्ट बजाते रहे… अर्थात सदा शान्ति, प्रेम, खुशीयों से भरपूर रह हर कर्म करते रहे… तो औरों को भी श्रेष्ठ अनुभुतीयां होते विशेष प्रेरणाएँ मिलती रहेंगी, और हम सभी साथ में सतयुग स्थापन करने के निमित्त बन जाएंगे… ओम् शान्ति!

Sakar Murli Churnings 07-03-2019

Sakar Murli Churnings 07-03-2019

1. योग का मुख्य सब्जेक्ट है जिससे सतोप्रधान बनते, आयु बढ़ती, धारणा होती, ऊंच पद मिलता… इसलिए याद पर पूरा ध्यान देना है, क्यूंकि जब याद से याद मिलती तो current अनुभव होती, जिससे एवर हेल्थी निरोगी बनते… औरों को भी सकाश दे सकते

2. Serviceable बनने के लिए बाबा के ज्ञान का विचार सागर मंथन करना है, points नोट करनी है (जैसेकि लक्ष्मी-नारायण को राज्य जिसने दिया और जैसे गवाया, कैसे सुप्रीम सर्जन बाबा हमें 21 जन्मों के लिए निरोगी बनाते)

सार

तो चलिए आज सारा दिन… याद की यात्रा द्वारा बाबा की searchlight लेते रहे… इससे powerful vibrations चारों ओर फैलती जिससे स्वतः समस्याएं समाप्त होती, श्रेष्ठ सेवा होती रहती, और हम सतयुग स्थापन करने के निमित्त बन जाते… ओम् शान्ति!

Sakar Murli Churnings 27-02-2019

Sakar Murli Churnings 27-02-2019

1. इस कयामत-समय पर श्रीमत अनुसार देह-देह की दुनिया को भूल, बच्चा बन बहुत प्यार से अपने मीठे बाप को याद करना है, तो वर्से के मालिक बन जाएँगे

2. नहीं तो औरों की याद आती रहेगी देह-भान के वश, ऊपर-नीचे होते रहेंगे जिससे नुकसान होता, इसलिए अपना चार्ट जरूर रखना है, जांच करनी है हम क्यूँ बाबा को याद नहींं कर पाते

3. फिर शान्तिधाम-सुखधाम चले जाएंगे, लक्ष्मी-नारायण समान दैवीगुण सम्पन्न बन जाएँगे… तो औरों की भी सेवा कर उनका कल्याण करना है, पेट ज्यादा नहीं मांगता

सार

तो चलिए आज सारा दिन… भिन्न-भिन्न युक्तियों से बाबा को याद करते रहे, फिर चार्ट द्वारा अपनी उन्नति भी देखते रहें… इससे सहज आगे बढ़ते रहेंगे, औरों की भी सेवा और अच्छी होती रहेंगी, और करते ही करते हम फिर से सतयुग स्थापन करने के निमित्त बन जाएंगे… ओम् शान्ति!

Biography of Shiv Baba | शिवबाबा की biography | Sakar Murli Churnings 23-02-2019

Biography of Shiv Baba | शिवबाबा की biography | Sakar Murli Churnings 23-02-2019

शिव जयन्ती ही हीरे तुल्य है, इसलिए धूमधाम से उनकी biography सबको सुनानी है… खास शिव के मंदिरों में, और शिव जयन्ती पर समझाना है… संक्षेप में बाबा की biography है:

  • नाम है शिव
  • रूप है निराकार
  • देश है परमधाम (सर्वव्यापी नहीं)
  • गुण है ज्ञान का सागर (स्वयं का सत्य परिचय और सृष्टि के आदि-मध्य-अन्त का राज़ सुनाते), पतित-पावन (हमें पावन बनाते), भोलानाथ, और अन्य सर्व गुणों और शक्तियों के सागर है
  • कर्तव्य है ब्रह्मा तन में आकर, हमें राजयोग सिखाकर (अर्थात आत्मा रूपी ज्योति जागकर) विश्व का मालिक बनाते (अर्थात स्वर्ग की सौगात देते!)
  • वह हमारा बाप भी है, टीचर भी है, सतगुरु भी है!
  • आते हैं कलियुग-अन्त और सतयुग-आदि के बीच संगम पर

सार

तो चलिए आज सारा दिन… इसी नशे में रहे कि स्वयं सर्वश्रेष्ठ शिवबाबा हमें मिला है, उनकी ही श्रीमत पर ज्ञान-योग के अभ्यास द्वारा अपने मन को सशक्त कर परिस्थितियों को पार करते चले… खुद भी सतोप्रधान बनते जाएं, औरों को भी बनाते रहे, फिर से इस धरा पर सतयुग लाने के निमित्त बन जाएं… ओम् शान्ति!

गीत: शिव जयन्ती फिर है आई…

Sakar Murli Churnings 16-02-2019

Sakar Murli Churnings 16-02-2019

यह wonderful ड्रामा है, जो बिल्कुल accurate चल रहा है, इसलिए किसी भी बात में रोना रुसना नहीं है… सिर्फ़ यही ध्यान रखना है कि श्रीमत पर चल हमें ज्ञान को accurate perfect (ज्यों का त्यों) धारण कर साक्षी रहना है… योग द्वारा सतोप्रधान धारणा-मूर्त बनना है… तो सेवा भी अपने आप होती रहेंगी, आगे हम सेवा में बहुत busy रहेंगे

सार

तो चलिए आज सारा दिन… ड्रामा को यथार्थ रीति समझ निश्चिंत रह, बाबा की याद में तीव्र दौड़ी लगाए… और खुद भी सर्व दैवी-गुण सम्पन्न बन जाएँ, औरों को भी बनाएं, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!

Sakar Murli Churnings 15-02-2019

Sakar Murli Churnings 15-02-2019

सारी दुनिया तमोप्रधान हो गई है, तो उनकी बातें भूल… नई दुनिया की तैयारी के लिए बच्चा बन रूहानी पढ़ाई और बाबा की याद में तत्पर रहना है, तो अभी का जीवन भी बहुत अच्छा हो जाएंगा… योगबल से स्वयं और विश्व को सतोप्रधान बनाना है… ज्ञान चिन्तन करते सदा हर्षित रहना हैै… हीरो एक्टर की स्मृति में रह हर कर्म श्रेष्ठ वा accurate करना है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… हीरो एक्टर बन ज्ञान-योग का ऎसा पक्का अभ्यास करे, कि हम स्वयं और सारे विश्व को सतोप्रधान सतयुगी बना दे… ओम् शान्ति!

Sakar Murli Churnings 14-02-2019

Sakar Murli Churnings 14-02-2019

1. शिवबाबा आकर (शिव जयन्ती), हमें ज्ञान देते हैं (गीता जयन्ती), जिससे हम मनुष्य से देवता बन जाते हैं (कृष्ण जयन्ती)… तो शिव जयन्ती फिर गीता जयन्ती फिर श्रीकृष्ण जयन्ती, यही सही क्रम है… और कोई क्रम नहीं हो सकता, क्योंकि बाबा ही पतित-पावन है जो ज्ञान देकर दैवी रजाई स्थापन करते हैं

2. तो ज्ञान सागर का ज्ञान अमृत पीते-पीते पावन बनना है, और ज्ञान गंगा बन विश्व को पावन बनाना है… पवित्र बनने के लिए याद में जरूर रहना है

सार

तो चलिए इस 14 फरवरी पर… कल्प बाद आए हुए बाबा के प्रेम में डूबे रहे, लवलीन रहकर फिर से लवली देवता बन जाएँ… और मास्टर प्रेम के सागर बन सबको प्यार बांटते रहे, प्यार के सागर से जुड़ाकर उन्हें भी सर्व-प्राप्ति-सम्पन्न बना दे… दैवी प्यार की दुनिया सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!

Sakar Murli Churnings 30-01-2019

Sakar Murli Churnings 30-01-2019 image

Sakar Murli Churnings 30-01-2019

1. अभी बुद्धि को भटकाने के बजाए एक बाबा में लगाना है (अपने को आत्मा समझकर), तो विकर्म विनाश हो जाएंगे (घर जाने के लिए) और दिव्यगुण धारण हो जाएंगे (सतयुग जाने के लिए)… हम राजऋशी है, राजाई का पुरूषार्थ कर रहे है!

2. जीतना स्वयं दिव्यगुणों की धारणा करेंगे… उतना औरों को भी करा सकेंगे, बहुत सुख देंगे, सेवा करेंगे, और अपना श्रेष्ठ भाग्य बनाएंगे (golden spoon in mouth!)

सार

तो चलिए आज सारा दिन… सदा यही रूहानी नशे में रहे कि अब हमारी बुद्धि को सत्य ठिकाना मिल गया है, अब हम उड़ती कला में आ गए हैं… और सबको भी उड़ती कला में लाते रहे, जिससे सहज ही हम सतयुग लाने के निमित्त बन जाएंगे… ओम् शान्ति!


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Becoming Pure like Brahma Baba | ब्रह्मा बाप समान पावन बनने की सहज विधि | Avyakt Murli Churnings 20-01-2018

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Becoming Pure like Brahma Baba | ब्रह्मा बाप समान पावन बनने की सहज विधि | Avyakt Murli Churnings 20-01-2018

पवित्रता का महत्व

1. हम होली हंसों को अपने पवित्रता की पर्सेंटेज चेक करनी है, मन्सा वाचा कर्मणा सम्बन्‍ध सम्पर्क में… जहां सच्ची शक्तिशाली पवित्रता है, वहां औरों के संकल्प वृत्ति दृष्टि स्मृति भी परिवर्तन हो जाती… नहीं तो हम भी प्रभावित हो जाते, जिससे सिद्ध होता कि हम अपने स्वभाव-संस्कार बाबा से हमारा सम्बन्ध कमझोर है!

2. पवित्रता ही foundation है, 21 जन्मों के प्राप्तियों की… पवित्रता ही महानता है, जिससे सर्व प्राप्तियां वा सफलता मिल जाती, सभी श्रेष्ठ स्थितियों का अनुभव कर सकते… तो इस पर पूरा-पूरा खबरदार रहना है

3. काम विकार के कई बाल-बच्चे हैं… किसी के प्रति व्यर्थ विकारी दृष्टि जाना भी अपवित्रता है, महापाप है… जिससे कुल कलंकित बनते, दुखी होकर मरते, धर्मराज द्वारा सौगुणा दण्ड मिलता, और राज्य-भाग्य भी गंवाते

ब्रह्माचारी अर्थात कौन?

1. ब्रह्माचारी अर्थात ब्रह्मा बाप के आचरण पर चलने वाले… अर्थात हर संकल्प, बोल, कर्म में ब्रह्मा बाप के कदम पर कदम रखना है, पहले चेक करना यह ब्रह्मा बाप समान है?… तो हमारे:

  • हर कर्म (उठना बैठना आदि) बाबा जैसे कर्मयोगी बन जाएँगे!… गंभीरता वा हर्षितमुखता का बैलेंस रहेगा
  • स्थिति महान रहेगी
  • चेहरे और चलन में अन्तर्मुखता और अतिन्द्रीय सुख समाया रहेगा… श्रेष्ठ जीवन का प्रभाव और बाबा का अनुभव होगा
  • हर बोल अलौकिक महावाक्य होगा, पवित्रता के vibration से सम्पन्न
  • Personality purity की बन जाएगी
  • संस्कार-स्वभाव में बाप समान हम निराकारी, निर्विकारी, निरहंकारी बन जाएँगे… मुरली से बहुत प्यार रखना है!

2. कितनी भी सेवा वा जिम्मेवारीयां हो, लेकिन हम सिर्फ बाबा की निमित्त katputli है… इसी स्मृति से सदा हल्का रहना है!

3. ब्रह्मा बाबा समान पाठ पक्का रखना है, मेरा तो एक शिव बाबा दूसरा ना कोई… माया कितना भी हिलाए, सदा खुश रहना है, परिस्थिति के ऊपर से उड़ जाना है!

4. ब्रह्मा बाप को पसन्द है कम खर्च बाला-नशीन… इसलिए कम संकल्प, बोल से सफलता ज्यादा प्राप्त करनी है! … सब कुछ सफल करना है!

सार

तो चलिए आज सारा दिन… अपनी आंतरिक पवित्रता पर पूरा-पूरा ध्यान रखे, और उसे श्रेष्ठ बनाने सदा ब्रह्मा बाबा के footsteps पर चलते रहे… तो हमारी स्थिति सदा श्रेष्ठ, खुश और हल्की रहेगी, कम शक्ति से सफलता ज्यादा मिलेगी, सबका कल्याण करतेे रहेंगे… और हम बहुत जल्द सतयुग लाने के निमित्त बन जाएंगे… ओम् शान्ति!