Charity begins at home! | Sakar Murli Churnings 13-12-2019
मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है
सार
1. ओम् शान्ति अर्थात् मैं आत्मा शान्त-स्वरूप, शान्ति के सागर की सन्तान हूँ… पवित्रता से ही सुख-शान्ति-चैन है, पावन दुनिया-स्वर्ग-वैकुण्ठ सचखण्ड-सुखधाम के मालिक बनते… यह वर्सा स्वयं परमात्मा-गॉड-खुदा बाप-ट्रथ हमें देते, ब्रह्मा-आदि देव-आदम द्वारा… वाया शान्तिधाम-ब्रह्माण्ड, हम सारे चक्र को जानते
2. तो इस ज्ञान-सागर सत्-चित-आनंद बीजरूप बाबा के… ज्ञान वा याद-योग-तपस्या द्वारा सच्ची कमाई अवश्य करनी-करानी है (कमल-फुल समान रह… हम ही वह ब्रह्मा के कुमार-कुमारी है, जो 21 कुल का उद्धार-सुखी करती)
चिन्तन
जबकि चैरिटी बिगिन्स एट होम… तो सदा पहले स्वयं को शुभ-भावना ज्ञान-चिन्तन याद द्वारा सर्व-प्राप्ति-सम्पन्न श्रेष्ठ स्थिति सदा खुश बनाए… तो स्वतः हमारे दिव्य वाइब्रेशन, चमकते हुए श्रेष्ठ चेहरे-चलन द्वारा, मधुर-ऊँच बोल-व्यावहार द्वारा सबकी सेवा होते… सतयुग बनता रहेगा… ओम् शान्ति!
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