Checking our own paper! | Sakar Murli Churnings 23-12-2019
मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है
सार
1. इस संगम-ग्रेट ग्रेट ग्रांड फादर द्वारा… हम मीठे-मीठे बच्चों को… स्वयं ऊँच ते ऊँच सुप्रीम पतित-पावन बाप-टीचर-सतगुरू शिवबाबा… मुरली-हम सो-चक्र का ज्ञान-श्रीमत देकर दिव्य-बुद्धि देते
2. अब हम जितना मन्मनाभव-याद की रूहानी यात्रा में रहते, उतना कमाई-पास हो, पावन-सतोप्रधान बनते (मन्सा-वाचा-कर्मणा शुद्ध… फ़िर भी सम्भाल रखनी है)… फिर सद्गति-स्वर्ग-सचखण्ड-सुखधाम के मालिक बनते (सूर्यवंशी-जीवनमुक्त-देवता रूप में)… भारत को स्वर्ग बनाने की सेवा भी जरूर करनी है (हम सारे झाड़ को जानते)
3. हम ईश्वर के बच्चें (देवताओं से भी ऊँच) सदा खुश-राज़ी है (भल बीमार हो), पार-ब्रह्म में रहने वाला ईश्वर जो मिल गया… अब सिर्फ माया से परे याद में रह, खुशी कायम रखनी है
चिन्तन
जबकि हमें ही अपना पेपर चेक कर आगे बढ़ना है… तो सदा सुबह से अपना योग-धारणा का लक्ष्य फिक्स कर, सारा दिन उसी अनुसार चिन्तन-योग करते… श्रेष्ठ शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर रहने के साथ, स्मृति-स्वरूप बनने की ओर तेजी़ से आगे बढ़ते-बढ़ाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
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