A clean, happy Intellect! | Sakar Murli Churnings 03-01-2019
मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है
सार
इस संगम-परिवार-स्कुल में… स्वयं परमात्मा-भगवान्-प्रभु ईश्वर पतित-पावन सुखदाई मात-पिता… हमें स्प्रीचुअल नॉलेज (वा याद की यात्रा सिखाकर) स्वच्छ-पावन-खुशी से भरपूर (रोमांच खड़े) कर… स्वर्ग-सतयुग-नई दुनिया का वर्सा देते (ऊँच-सतोप्रधान-सूर्यवंशी लक्ष्मी-नारायण रूप में, सम्पूर्ण सुखमय-प्रकृति-शरीर)… हम सारी सीधी-झाड़-ड्रामा को जानते (समय अब थोड़ा है, माया के पॉम्प से बचे रहना है)
चिन्तन
जबकि आन्तरिक स्वच्छता ही सच्ची खुशी का आधार है… तो सदा बाबा से सच्चे-साफ यह, ज्ञान-जल और योग-अग्नि द्वारा, सारा दिन बीच-बीच में स्वयं को रिफ्रेश करते… अपने दिव्य-दैवी शान्ति-प्रेम-आनंद के संस्कार को सदाकाल जागृत करते-कराते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
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