Coming closer to perfection! | (41st) Avyakt Murli Revision 18-01-70
1. बाबा हमारी (सितारों की) सम्पूर्णता की समीपता देख रहे (तब ही हम सब बातें परख सकेंगे)… चित्र के साथ, विचित्र को याद रखने से चरित्र धारण होंगे
2. एक वर्ष जो अव्यक्त स्नेह-सहयोग-पालना मिली, उसके रिटर्न में चेक करना है, हम कहां तक व्यक्त भाव से परे बने (जिससे चलन में भी अलौकिकता आती)… निश्चय के पेपर में तो पास हुए (हमें अब भी साकार-परिवार से स्नेह-सहयोग-शक्ति मिलती), अभी सबको स्नेह-शक्ति देने का पेपर होगा (भल छोटी-मोटी समस्याएं आती रहेंगी, तन-मन-सम्बन्ध-वायुमण्डल की)… पेपर समझने से पास हो जाएंगे
3. विल-पावर प्राप्त करने लिए सबकुछ विल कर देना है… झाटकू बनने की शक्ति ही कुछ और है, रस्सियां तोड़नी है
4. विदेही को युगल बनाने से विदेही बनने में सहयोग मिलता, सहज सफलता मिलती, हम मुश्किल को सहज करने वाले है… फास्ट जाने वाले कहीं फँस नहीं सकते, इसलिए लास्ट स्थिति सदा याद रखनी है
सार
तो चलिए आज सारा दिन… बाबा की wonderful अव्यक्त पालना का रिटर्न देने… व्यक्त भाव छोड़, सबकुछ बाबा को सोप, सदा उससे बुद्धि जोड़े रखे… तो हमारी हर चलन में अलौकिकता-शक्ति आते, हम सम्पूर्ण बनते-बनाते, सतयुग बनाते रहेंगे… ओम् शान्ति!
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